उज्जैन कृषि उपज मंडी का ई-एप तैयार, अब आनलाइन होगा कारोबार
उज्जैन। सब कुछ ठीक रहा तो जल्द ही उज्जैन कृषि उपज मंडी आनलाइन काम करने लगेगी। मतलब ई मंडी के नाम से जानी जाएगी, जिसमें व्यापारी, किसान, हम्मालों को कागजी कार्यों से छुटकारा मिल जाएगा। किसान के उपज से भरे वाहन के मंडी गेट से प्रवेश से लेकर नीलामी तक एप के माध्यम काम होगा। उपज की भुगतान व्यवस्था भी एप से ही होगी।
माना जा रहा है कि इस नवाचार से मंडी संचालन व्यवस्था में काफी सुधार होगा, बेनामी व्यापार पर रोक लगेगी। मंडी संचालन की वर्तमान व्यवस्था कागजों पर चल रही है, जिसमें काफी समय लगता है। इसको गतिमान करने के लिए उज्जैन मंडी को एप के माध्यम से संचालित करने की तैयारी हो गई है। उप संचालक/मंडी सचिव प्रवीण वर्मा ने बताया कि सरकार की मंशा अनुसार ए श्रेणी की उज्जैन मंडी में जल्द ही आनलाइन ई मंडी व्यवस्था लागू की जा रही है।
इसके तहत कागजी काम काफी कम हो जाएगा। सिस्टम के अनुसार मंडी का एप तैयार हो गया है, जिसे मंडी में अपनी उपज लेकर आने वाले किसानों के एंड्राइड मोबाइल में लोड कर दिया जाएगा। इससे किसान अपनी प्रवेश पर्ची बना सकेगा, जिसका नंबर गेट का कर्मचारी अपने कंप्यूटर में फीड कर लेगा। नीलामी में नीलामकर्ता व अनुबंधकर्ता के पास पीओएस मशीन रहेगी। इसमें किसान की उपज के नीलामी भाव अंकित करेगा, जो किसान के एप में भी अंकित हो जाएगा।
बड़े तौल कांटे के संचालक के मोबाइल में भी एप रहेगा। वह किसान की पर्ची के आधार पर तौल का वजन अंकित करेगा, जो किसान के एप में दिखाई देगा। अंत में जिस व्यापारी के यहां उपज बिकी है, उसके मोबाइल में भी मंडी का एप लोड रहेगा, जिसमें किसान का नाम, उपज का वजन, भाव, अमाउंट बिल के रूप में आ जाएगा। व्यापारी को उपज के कुल कीमत से तुलाई कम कर अपने कम्प्यूटर से बिल निकालकर किसान को नकद भुगतान करना है।
मामले में प्रांगण प्रभारी महेंद्र जैन व दीपक श्रीवास्तव ने बताया कि अगले सप्ताह में पीओएस मशीनें आ रही हैं। उसके बाद क्रमश: व्यापारियों, नीलामकर्ता, अनुबंधकर्ता, तुलावटियों व इलेक्ट्रानिक बड़े तौल कांटों के संचालकों को प्रशिक्षण व जानकारी दी जाएगी। ताकि गेहूं के सीजन से ई-मंडी का संचालन सुचारू रूप से किया जा सकें। बता दें संभाग में देवास मंडी का संचालन ई मंडी सिस्टम से ही हो रहा है।