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राम कहने मात्र से शरीर व मन में अलग ही तरह कीप्रतिक्रिया होती है


राम कहने मात्र से शरीर व मन में अलग ही तरह कीप्रतिक्रिया होती है जो हमें आत्मिक शांति देती है। भगवानश्रीराम ने एक आदर्श चरित्र प्रस्तुत कर समाज को एक सूत्रमें बांधा था। यह बात घट्टिया के स्व. नागूलाल मालवीयशासकीय महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. शेखर मैदमवार नेकॉलेज में आयोजित अयोध्या में 22 जनवरी को भगवानश्रीराम की प्रतिमा की प्राण-प्रतिष्ठा उत्सव अंतर्गतआयोजित कार्यक्रम में अध्यक्षीय उद्बोधन में कही।कार्यक्रम संयोजक डॉ. मनीष परमार ने बताया इसी क्रम मेंकॉलेज की रासेयो इकाई के स्वयंसेवकों और विद्यार्थियों नेकॉलेज परिसर में सफाई कार्य किया। श्रीराम के जीवन परआधारित पोस्टर व स्लोगन स्पर्धा भी आयोजित की।

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