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सात साल बाद फिर शुरू हो सकते हैं छात्रसंघ के चुनाव


मध्यप्रदेश में सात साल के बाद इसबार छात्र संघ के चुनाव हो सकते हैं। इसके लिए उच्च शिक्षा विभाग ने सत्र 2024-25 की गाइडलाइन तैयार करना शुरू कर दिया है। इस बार चुनाव की संभावना इसलिए है, क्योंकि वर्तमान मुख्यमंत्री ने उच्च शिक्षा मंत्री रहते हुए प्रस्ताव तैयार कराया था और मुख्यमंत्री को भेजा था। इस बार वे खुद मुख्यमंत्री हैं, इसिलिए लोकसभा चुनाव के बाद छात्रसंघ के चुनाव होने की पूरी संभावनाएं दिख रही हैं।


सोर्स के मुताबिक उच्च शिक्षा विभाग द्वारा चुनाव के लिए 15 दिन का कार्यक्रम तैयार किया जा रहा है। पिछली बार उच्च शिक्षा विभाग ने निजी और सरकारी कॉलेज में अप्रत्यक्ष प्रणाली से चुनाव कराए थे इसको ना तो छात्र संगठन ने माना था और न ही तत्कालीन उच्च शिक्षा मंत्री स्वयं मोहन यादव ने इसका समर्थन किया था। उच्च शिक्षा मंत्री रहते हुए उन्होंने प्रत्यक्ष प्रणाली से चुनाव कराने को लेकर सरकार को पत्र भी लिखा था। इस संबंध में वे तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से चर्चा भी कर चुके थे, लेकिन कोई फैसला नहीं हो पाया। प्रत्यक्ष चुनाव प्रणाली में कॉलेज का कोई भी छात्र छात्रसंघ का चुनाव लड़ सकता है। 


इस चुनाव में विश्वविद्यालय के अध्यक्ष, सचिव एवं अन्य पदों के चुनाव होते हैं तथा विश्वविद्यालय का एक प्रतिनिधि बनता है और यह विश्वविद्यालय के प्रतिनिधि विश्वविद्यालय के अध्यक्ष को चुनते हैं। छात्रसंघ चुनाव में मारपीट और उपद्रव अधिक होता है इसलिए कई सालों से प्रत्यक्ष प्रणाली से छात्रसंघ के चुनाव बंद पड़े हैं और इससे राजनीतिक संगठनों के युवा नेता तैयार नहीं हो पा रहे हैं। इन्हीं सभी बातों को देखकर इस बार प्रत्यक्ष प्रणाली से चुनाव कराने की योजना राज्य सरकार बना रही है।

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