दीनदयाल विचार मंच के नगर जिला उपाध्यक्ष मंगेश श्रीवास्तव ने निर्णय को स्वागतपूर्ण बताया
उज्जैन - आज जो मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने किसानों के साथ जो देवास जिले की तहसीलदार ने अपशब्दों का प्रयोग किया वह निंदनीय है साथ ही हमारे प्रदेश के मुखिया डॉ. मोहन जी यादव ने तुरंत जो यह निर्णय लिया वह स्वागतपूर्ण निर्णय है साथ ही उनके उज्जैन गृह निवास पर भी ऐसे ही कर्मचारी एवं अफसर जनप्रतिनिधि का मोबाईल जो नहीं उठाते हैं साथ ही समय देने पर ऑफिस पर भी नहीं मिलते हे ऐसे कर्मचारी एवं शासन प्रशासन के लोग भी अपनी आदतें तुरंत सुधारे एवं जनप्रतिनिधियों के मोबाईल लगाए तो उठाए एवं उनसे चर्चा करें। आज जो मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने किसानों के साथ जो देवास जिले की तहसीलदार ने अपशब्दों का प्रयोग किया वह निंदनीय है साथ ही हमारे प्रदेश के मुखिया डॉ. मोहन जी यादव ने तुरंत जो यह निर्णय लिया वह स्वागतपूर्ण निर्णय है साथ ही उनके उज्जैन गृह निवास पर भी ऐसे ही कर्मचारी एवं अफसर जनप्रतिनिधि का मोबाईल जो नहीं उठाते हैं साथ ही समय देने पर ऑफिस पर भी नहीं मिलते हे ऐसे कर्मचारी एवं शासन प्रशासन के लोग भी अपनी आदतें तुरंत सुधारे एवं जनप्रतिनिधियों के मोबाईल लगाए तो उठाए एवं उनसे चर्चा करें। मध्य प्रदेश के देवास में महिला तहसीलदार डॉ. अंजली गुप्ता का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ. जिसमें वह किसानों से बिजली के टावर लगाने को लेकर हुए मामूली विवाद के चलते उन्हें “अंडा“ और “चूजा“ बोलकर संबोधित करती हुई दिखाई दी. वीडियो सोशल मीडिया पर इतना वायरल हुआ कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने तहसीलदार पर कार्रवाई के निर्देश दे दिए. उन्होंने कहा कि अधिकारियों को ऐसा वर्ताव नहीं करना चाहिए. देवास कलेक्टर ऋषभ गुप्ता ने तहसीलदार को जिला मुख्यालय पर अटैक कर दिया है. इसके अलावा विभागीय जांच भी कराई जा रही है।
“यू आर रिस्पांसिबल ऑफिसर“ सुनकर भड़की तहसीलदार
दरअसल, पूरा मामला देवास जिले की सोनकच्छ तहसील अंतर्गत आने वाले गांव पिपरिया राव का है. यहां मध्य प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कॉरपोरेशन लिमिटेड (एमपीपीटीसीएल) द्वारा बिजली के टावर लगाए जा रहे हैं. यह टावर गांव के कुछ किसानों के खेत में लगाए जाने थे, जिसका किसान विरोध कर रहे थे.किसानों का कहना था कि उन्हें पहले मुआवजा मिलना चाहिए फिर वह टावर लगाने की सहमति देंगे, जबकि बिजली विभाग के अधिकारियों का कहना था कि टावर लगने के बाद उन्हें विधिवत मुआवजा भी मिल जाएगा. इसी बात को लेकर गुरुवार को किसानों ने विरोध कर दिया.जिस पर सोनकच्छ तहसीलदार अंजली गुप्ता उन्हें समझाने के लिए पहुंची. जब किसानों से बातचीत कर चल रही थी उसी समय उनके परिवार के कुछ युवा सदस्य भी मौके पर पहुंच गए. एक किसान के बेटे ने अंग्रेजी में तहसीलदार को टावर लगाने से रोकने की बात कहते हुए कहा कि “यू आर रिस्पांसिबल ऑफिसर“ इतना सुनकर तहसीलदार भड़क गई और उन्होंने कहा कि “तुम अभी अंडे से बाहर भी नहीं निकले हो, तुम चूजों मरने मराने की बात करते हो, इस पूरे घटनाक्रम का वहां मौजूद लोगों ने वीडियो बना लिया जो कि सोमवार को सोशल मीडिया पर वायरल हुआ।
’सुशासन में ऐसी भाषा बर्दाश्त नहीं’
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स के माध्यम से कहा कि सुशासन में ऐसी भाषा का उपयोग अधिकारियों को नहीं करना चाहिए. आपको बता दें कि मुख्यमंत्री इससे पहले शाजापुर कलेक्टर पर भी ऐसी कार्रवाई कर चुके हैं.शाजापुर कलेक्टर ने ड्राइवर को हड़ताल के दौरान उनकी औकात बताने का एक बयान दे दिया था. सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद पूर्व कलेक्टर किशोर कन्याल को हटा दिया गया था। दीनदयाल विचारमंच के नगर उपाध्यक्ष मंगेश श्रीवास्तव ने कहा कि हमारे प्रदेश के मुखिया द्वारा जो यह निर्णय लिया गया वह स्वागतपूर्ण निर्णय है साथ ही कर्मचारियों को भी अपने आचरण में सुधार करने की आवश्यकता है। किसी से अपशब्द एवं कोई फरियाद लेकर जाता है तो उसे सुने और उसका तुरंत निराकरण करें।
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