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श्रीसिद्धेश्वर सेन माच कला केंद्र उज्जैन ने मंगलवार को पांचवें मालव सिद्धअवार्ड समारोह का आयोजन किया


 श्रीसिद्धेश्वर सेन माच कला केंद्र उज्जैनने मंगलवार को पांचवें मालव सिद्धअवार्ड समारोह का आयोजन किया ।खेड़ापति हनुमान मंदिर परिसरशास्त्रीनगर में आयोजित कार्यक्रम केमुख्य अतिथि सांसद अनिल फिरोजियाथे। विशेष अतिथि एवं मुख्य वक्ता केरूप में विजय केवलिया औरआशीर्वाददाता महंत त्रिलोचनदासमहाराज उपस्थित थे। अध्यक्षतामालवी साहित्यकार डॉ. शिव चौरसियाने की। इस अवसर पर वर्ष 2024 कामालव सिद्ध अवार्ड वरिष्ठ संगीत गुरुनरेंद्र पंवार, वरिष्ठ माच कलाकारजगदीश धाकड़ एवं पुरुषोत्तम परमारको प्रदान किया गया।

अतिथियों नेकलाकारों को शॉल, श्रीफल एवंस्मृति चिह्न के साथ ही साफा बांधकरसम्मानित किया। इस अवसर परशिक्षारोपण सामाजिक संस्था द्वारासंचालित नित्य संध्या लाइव प्रसारणके लिए श्री स्पीक उज्जैन की टीम कोसांसद फिरोजिया ने सम्मानित किया।आज तक यह संस्था 1123 आरतीलाइव कर चुकी है।सम्मान समारोह में संबोधित करतेहुए सांसद फिरोजिया ने कहा माचहमारे मालवा की सांस्कृतिक धरोहरहै। सांसद फिरोजिया ने यह आश्वासनभी दिया कि वह निश्चित ही मालवाकी माच एवं मालव सिद्ध अवार्डसमारोह के आयोजन के लिए भारतसरकार एवं राज्य सरकार से माचकला के विकास और संरक्षण के लिएप्रयास करेंगे। मालवी साहित्यकार डॉ.चौरसिया ने माच के महत्व के बारे मेंबताते हुए कहा माच एक ऐसीपारंपरिक लोक कला है, जो लोगों कोआपस में जोड़ती है। साथ हीऐतिहासिक और लोक परंपराओं कोजीवंत बनाने में सहायक है।

डॉ.चौरसिया ने स्व. सिद्धेश्वर सेन सेजुड़े संस्मरण भी साझा करते हुए कहासेन ने नित्य नए समसामयिक विषयोंका माच में प्रयोग कर माच को औररुचिकर बनाया आैर इसे आधुनिकताकी ओर लेकर गए। सेन ने अपनेजीवन के 60 साल माच विधा कोदिए। इस दौरान उन्होंने 31 माच लिखेऔर 1000 से अधिक लोक गीतों कासृजन किया। उनकी पांच किताबें भीप्रकाशित हो चुकी हैं। राष्ट्रपति पुरस्कारसे भी उन्हें अलंकृत किया गया।कार्यक्रम का संयोजन अनिकेतप्रेमकुमार सेन ने किया। संचालनदिलीपसिंह परमार मंत्रालय भारतसरकार इंदौर) ने किया।

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