MP में नेतागिरी में दौड़ रही अनफिट बसें
28 दिसंबर को हुए गुना बस हादसे में 13 लोग जिंदा जल गए। जिस बस में हादसा हुआ वह 15 साल से ज्यादा पुरानी थी और अनफिट थी। इसके बावजूद वह सड़कों पर दौड़ रही थी। वजह- बस मालिक भानुप्रताप सिंह सिकरवार का भाई भाजपा का जिला पदाधिकारी है।
ने प्रदेश के 20 जिलों में पड़ताल की तो सामने आया कि बसों के संचालन में ‘नेतागिरी’ हावी है। प्रदेश में 50 प्रतिशत से अधिक बसों के मालिक भाजपा-कांग्रेस के बड़े नेता या उनके रिश्तेदार हैं। इनमें से 68 बस ऑपरेटर तो भाजपा के पूर्व विधायक, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष, जिलाध्यक्ष से लेकर तमाम तरह के पदों पर पदस्थ रहे हैं।
इसी तरह कांग्रेस से जुड़े करीब 10 बस ऑपरेटर हैं। इनकी कई बसें प्रदेश में चल रही हैं। प्रदेश में 37,276 बसें परिवहन विभाग के रिकाॅर्ड में दर्ज हैं। इनमें से 19 हजार का संचालन शैक्षणिक संस्थानों में होता है। बाकी जो 18, 276 बसें यात्रियों के लिए हैं, उनमें से 9 हजार से ज्यादा बसें नेताओं की हैं। इनमें भी 45 प्रतिशत से ज्यादा बसों का संचालन भाजपा व 5 प्रतिशत का कांग्रेस से जुड़े लोग कर रहे हैं। इन्हीं में सबसे ज्यादा फिनेटस, परमिट, बीमा न होने की शिकायतें आती हैं।