माधवनगर अस्पताल के डॉक्टर और स्टाफ खुद के खर्च से बना रहे चार उद्यान, ताकि लोग स्वस्थ रहें
माधवनगर अस्पताल के चारों तरफ सौंदर्यीकरण का काम जोरों-शोरों चल रहा है। वर्तमान में छोटे-बड़े मिलाकर चार बगीचे अस्पताल परिसर में बन रहे हैं, जिनमें दो छोटे बगीचों बनकर तैयार कर दिए गए हैं और दो बड़ों का काम जारी है। यह गार्डन अस्पताल परिसर की खाली पड़ी जगह पर बनाए जा रहे हैं, जिसमें सरकारी राशि का उपयोग न करते हुए अस्पताल प्रभारी और स्टाफ अपना-अपना योगदान देकर काम करवा रहे हैं। इन बगीचों का उद्देश्य मरीजों के परिजन को हरियाली से भरा शांति पूर्ण माहौल देना है, ताकि सभी स्वस्थ रहे।
अस्पताल के पीछे खाली जमीन बन गई थी कूड़ा दान : माधवनगर अस्पताल में प्रवेश गेट के साइड और पीछे की तरफ खाली पड़ी जमीन कूड़ादान बनती जा रही थी, जिसे साफ करवाते हुए दोनों जगह से कचरा उठवाया गया।
दो छोटे गार्डन 2022 में बन गए थे, लेकिन उनका काम पूरा नहीं हो पाया था। इसे इस साल में पूरा करते हुए गमले, कुर्सियां और साज सज्जा की वस्तुएं लगाकर तैयार किया गया। जो दो बड़े बगीचे हैं, उनका काम शुरू कर दिया है। वहां भी आयुर्वेदिक और सजावटी पेड़-पौधे लगाए जाएंगे। साथ ही बगीचे में शांति प्रतीक मूर्तियां और बैठने के लिए कुर्सियां लगवाने की योजना बनाई जा रही है।
विशेष दिन पर स्टाफ देते हैं स्वेच्छिक दान व पौधों की सुरक्षा संबंधी सामग्री अस्पताल प्रभारी डॉ. विक्रम रघुवंशी, डॉक्टर्स और स्टाफ यानी माधवनगर अस्पताल से जुड़ा हर सदस्य मिलकर बगीचे सजा रहा है। अस्पताल प्रभारी बगीचे में जुड़े काम के लिए खर्चा कर रहे हैं तो वहीं अन्य डॉक्टर और स्टाफ परिसर के लिए गमले खरीद कर लाए हैं। बगीचों का कोई बजट नहीं रखा गया है। इसमें अपनी क्षमतानुसार रुपए या अन्य सामान दे रहा है। अपने विशेष दिन या अन्य दिन आने वाले बेहतर अवसरों पर स्टाफ सदस्य गमलों का दान भी कर रहे हैं।