"मकर सक्रांति पर सप्तम वर्ष निकलेगी सूर्य देव की सवारी"
15 जन से 22 जन तक चलेगा नव ग्रह शांति एवम अखंड राम चरित मानस का पाठ समापन 22 को प्राणप्रतिष्ठा के समय होगी पूर्ण आहुति
आयोजक इंदौर के आध्यात्मिक गुरु कृष्णा मिश्रा गुरुजी ने बताया
शनि नवग्रह मंदिर त्रिवेणी (उज्जैन) जिसमे हर ग्रह का भूगर्भ अलग हे जिसमे ग्रह का क्रम भी खगोल शास्त्र के अनुरूप है यहां से
सप्तम वर्ष की सूर्य देव की सवारी विशेष होगी क्यू की राम मंदिर की प्राणप्रतिष्ठा सूर्य के मकर राशि के दौरान होगी
हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी सूर्य देव की सवारी मकर राशि में पोहचेगी पिता पुत्र दिवस का संदेश लिए। यह सूर्य देव की सवारी राम धुन के साथ निकलेगी क्यू की राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा उत्सव सूर्य देव की मकर राशि में प्रवेश के बाद ही शुरू होगा एवम सूर्य देव की 12 कलाओं का ज्ञान भगवान राम को ही था
मकर सक्रांति का आध्यात्मिक खगोलीय ज्योतिष के मुताबिक बड़ा महत्व हे
सूर्य देव का गुड़ शनि देव का तिल मिला मीठा मीठा बोलने का संदेश वर्षो से देते आ रहे हे।
इस वर्ष भी सवारी का संदेश पिता पुत्र के रिश्तों में मिठास बनी रहे।ज्योतिषी में सूर्य देव शनि देव पिता पुत्र होते हुए भी पारस्परिक शत्रु है पर भी एक दूसरे के घर आना जाना बंद नही करते यही संदेश समाज को देना चाहते हे की मकर सक्रांति पर रिश्तों में भी बोली के साथ मधुरता आए।मकर सक्रांति पर दान का महत्व हे धन के साथ साथ समय का दान अपने रिश्ते संवारने में आपसी कड़वाहट भुला कर दे
सर्व प्रथम शनि त्रिवेणी मंदिर के सूर्य देव के गर्भ गृह से मंदिर से101 बटुक ब्राह्मण राम धुन पर सूर्य नमस्कार के बाद पालकी में सवार सूर्य ग्रह की सवारी रामधुन ताशे ढोल फूलो की
तोपो त्रिवेणी नदी ले जा अर्ग दे सूर्य मंत्र आदित्य ह्रदय स्त्रोत के वाचन राम रक्षा स्त्रोत वचन के साथ
गणमान्य नागरिकों के साथ शनि मंदिर के शनि गर्भ में विराजित होगी
जहा पिता पुत्र मिलन होगा,बटुक ब्राह्मण पुत्र के रूप में,वयोवृद्ध एवम सरकार का प्रतिनिधत्व करने वाले सूर्य के रूप में शामिल होगे सूर्य मंत्र एवम शनि मंत्रो के साथ राम चरित मानस का अखंड पाठ शनि नव ग्रह मंदिर में चलेगा 22 जन को समापन 12.38 पर सम्पन्न होगा