300 साल पुराने भित्ति चित्र में बनी जन्म कुंडली बता रही कैसे मर्यादा पुरुषोत्तम बने श्रीराम
पुरातात्विक स्मारक के रूप में संरक्षित खाकचौक स्थित श्रीराम जनार्दन मंदिर के गर्भगृह में 300 साल पुराने मालव मराठा शैली के भित्ति चित्र मिले हैं। इन चित्रों में भगवान श्रीराम की जन्म कुंडली का अंकन करते गुरु वशिष्ठ का चित्र भी है। विक्रम विश्व विद्यालय के ज्योतिष विभागाचार्य डा.सर्वेश्वर शर्मा ने भित्ति चित्र में दृश्य हो रही भगवान श्री राम की जन्म कुंडली का अवलोकन किया।उन्होंने पाया कि जन्म कुंडली त्रेतायुग में हुए श्रीराम के जन्म समय को दर्शाती है। इसमें केवल अंक दिए गए है, ग्रहों का उल्लेख नहीं है। कुंडली पर शोध करने पर ज्ञात हुआ कि किन ग्रहों के कारण भगवान मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम बने।डा.सर्वेश्वर शर्मा ने बताया बीते दिनों विक्रम विश्व विद्यालय के शोधार्थी तिलकराजसिंह सोलंकी ने इन भित्ति चित्रों को खोजा था। उनके साथ जाकर मैंने भित्ति चित्र में अंकित जन्म कुंडली का अवलोकन किया।चित्रित जन्म कुंडली लग्न कुंडली है। इसमें अंक दिए गए हैं, लेकिन ग्रहों का उल्लेख नहीं है। मैंने इस संबंध में शोध प्रारंभ किया और तुलसीकृत श्री रामचरित मानस तथा वाल्मीकि रामायण के आधार पर उस कुंडली में अंकों के आधार पर ग्रहों की स्थापना कर अनुंसधन प्रारंभ किया।