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मुख्यमंत्री के सामने दिया जाएगा प्रेजेंटेशन


शिप्रा को सीवरेज व गंदे नालों के पानी से बचाने के लिए उज्जैन-इंदौर संभाग के अधिकारी शॉट टर्म व लांग टर्म के प्रोजेक्ट तैयार कर रहे हैं। उम्मीद की जा रही है कि 14 जनवरी (संभावित तारीख) को जब मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव उज्जैन आएंगे तो उनके सामने प्रेजेंटेशन दिया जाएगा। उनसे जो भी निर्देश मिलेंगे, उसके आधार पर इन पर आगे काम होगा।

पिछली बार जब मुख्यमंत्री डॉ. यादव शहर आए थे तो उन्होंने शिप्रा में मिलने वाले ​सीवरेज व नालों के गंदे पानी को लेकर चिंता जताई थी। शिप्रा नदी संरक्षण एवं संवर्द्धन की बैठक में वे बोले थे कि सांवेर पर ही गंदे पानी को वाटर ट्रीटमेंट प्लांट एवं स्टापडेम बनाकर कंट्रोल कर लें तो शिप्रा शुद्ध रहेगी। उन्होंने कहा था कि नदी संरक्षण एवं पुनर्जीवन के लिए विशेषज्ञों की राय लें।

गंदे पानी के नाले एवं सीवरेज का पानी को रोकने के लिए सांवेर, रामवासा, पंथपिपलई, राघौ पिपल्या में स्टापडेम बनाएं। यहां वाटर ट्रीटमेंट प्लांट भी लगाएं। प्लांट से साफ हुए पानी का उपयोग किसान सिंचाई के लिए करें, उन्हें ये समझाइश दें। सीएम ने उज्जैन-इंदौर के अधिकारियों को निर्देश दिए थे कि वे ऐसा प्लान तैयार करें कि सीवरेज एवं नालों का गंदा पानी शिप्रा में नहीं मिले।

बैठक में जनसंपर्क आयुक्त संदीप यादव ने कहा था कि इंदौर-उज्जैन संभाग के अधिकारी सात दिन में लांग टर्म एवं शॉर्ट टर्म प्रोजेक्ट बना लें। बैठक में मिले इन निर्देशों के पालन में अधिकारी तैयारी में जुटे हुए हैं।

मंगलवार को कलेक्टर नीरजकुमार ​सिंह ने अधिकारियों को साथ लेकर शिप्रा एवं कान्ह पर बने स्टापडेम आदि का सूक्ष्मता से निरीक्षण किया। उन्होंने मुख्य रूप से यह देखा कि कहां-कहां से सीवरेज व गंदा पानी शिप्रा की तरफ आगे बढ़ता व मिलता है। इसके बाद से उन्होंने इनकी रोकथाम के लिए शाॅर्ट टर्म व लांग टर्म के प्रोजेक्ट तैयार करवाने शुरू कर दिए हैं।

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