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महाकाल की सवारी में निकलने वाले रथ खुले में पड़े हैं।


उज्जैन। विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में भगवान महाकाल की सवारी में निकलने वाले रथ खुले में पड़े हैं। मंदिर प्रशासन ने हाल ही में दानदाताओं के सहयोग से लाखों रुपये के चार रथ बनवाए थे, जो खुले में पड़े हैं। कुछ रथों को कपड़े के शेड में रखा गया है, जो बीते दो दिनों से हो रही बारिश में भीग रहे हैं। अनदेखी का आलम यह है कि मंदिर प्रशासन ने रथों पर लपेटे गए गीले कपड़े भी नहीं हटाए हैं।

भक्तों के दर्शनार्थ निकाला जाता है रथ
बता दें कि श्रावण-भादौ मास में निकलने वाली भगवान महाकाल की सवारी में भगवान के विभिन्न मुखारविंदों को रथ में सवार कर भक्तों के दर्शनार्थ निकाला जाता है। मंदिर समिति के पास वर्षों पुराने कुछ रथ मौजूद हैं। वर्ष 2023 में श्रावण अधिक मास होने से भगवान महाकाल की दस सवारी निकाली गई थी। ऐसे में मंदिर प्रशासन ने देश के कुछ बड़े दानदाताओं के सहयोग से चार नए रथ बनवाए थे।

यज्ञशाला के समीप शेड

मंदिर प्रशासन द्वारा रथों को रखने के लिए जूना महाकाल मंदिर परिसर में यज्ञशाला के समीप शेड बनवाया गया था जिसमें रथ रखे जाते थे, लेकिन बीते दिनों नवनिर्माण के चलते शेड हटा दिया गया और रथों को खुले आसमान के नीचे खड़ा कर दिया गया। कुछ रथों के लिए कपड़े का शेड बनाकर दायित्वों की इतिश्री कर ली गई। बीते दो दिनों से हो रही बारिश में खुले आसमान व कपड़े के शेड में रखे रथ गीले हो रहे हैं, इससे इनकी खराब होने का खतरा पैदा हो गया है।

मंदिर के पास स्थान उपलब्ध, लेकिन जिम्मेदारों का ध्यान नहीं

मंदिर प्रशासन के पास रथों को सुरक्षित रखने के लिए हरसिद्धि धर्मशाला का बैसमेंट, महाकाल अतिथि निवास तथा नवनिर्मित अन्नक्षेत्र की पार्किंग के रूप में अनेक विकल्प मौजूद हैं। यहां रथों को सुविधा से रखा जा सकता है। लेकिन जिम्मेदारों का इस और ध्यान नहीं है।

शेड में रखें हैं रथ

रथों को शेड में रखा है, कोई भी रथ खुले में नहीं है। मंदिर समिति रथों को रखने के लिए नया शेड बनवाएगी। जहां भक्त रथ के दर्शन भी कर सकेंगे।

-संदीप कुमार सोनी, प्रशासक महाकालेश्वर मंदिर

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