समुन्नति कर के साथ महाकाल मंदिर पहुंचने वाले मार्ग पर विज्ञापन की नई योजना बनेगी
आमदनी 200 करोड़ के आसपास और खर्चा 250 करोड़ से ज्यादा। पिछले कुछ सालों से शासन से मिलने वाले मद भी कम हो गए, जिससे निगम को चलाना मुश्किल हो रहा है। आमदनी बढ़ाने पर नए प्लान पर विचार किया जा रहा है। महाकाल लोक बनने के बाद शहर में श्रद्धालुओं की संख्या औसतन प्रतिदिन दो से ढाई लाख हो गई है। इससे अतिरिक्त खर्च बढ़ा है। अब निगम आमदनी को बढ़ाने के लिए नए प्लान पर काम करने वाली है।
अहम है, बेटरमेंट टैक्स (समुन्नति कर)। जो नई सड़क बनने पर प्रापर्टी की बढ़ी कीमतों के हिसाब से लिया जाता है। वहीं महाकाल आने वाले श्रद्धालुओं वाले रोड पर विज्ञापन की नई पॉलिसी बनाने पर काम शुरू हो गया है। क्योंकि इस क्षेत्र से लाखों लोग प्रतिदिन आते हैं लेकिन यहां विज्ञापन को लेकर कोई प्लान ही नहीं है। यहां विज्ञापन के लिए बड़ी-बड़ी कंपनियों को लाने की तैयारी है, जिन्हें विज्ञापन के नए-नए आइडिया भी दिए जाएंगे।
इससे निगम की आय प्रतिवर्ष 100 करोड़ रुपए तक बढ़ सकती है। इसके अलावा भी पिछले बजट के पहले हुई कार्यशालाओं से कितनी आय बढ़ी, उनकी भी समीक्षा होगी और जो आय बढ़ाने के साधन कारगर साबित हुए, उन्हें प्लानिंग के साथ इस बार भी लागू किया जाएगा। इसमें प्रमुख हैं, होटलों में रुकने वाले श्रद्धालुओं से इनडायरेक्ट कैसे निगम को आय प्राप्त हो। पहले भी प्लान तो बना लेकिन अभी तक लागू नहीं हो पाया