कूल्हों, घुटनों के प्रत्यारोपण के बनेंगे डिवाइस
विक्रम उद्योगपुरी से सटे मेडिकल डिवाइस पार्क में तेजी से कंपनियां आ रही हैं। 360 एकड़ में बने इस उद्योग क्षेत्र के लिए सबसे बड़ी सुविधा ये हैं कि यहां भारत सरकार की ओर से सेंट्रल लैब भी मंजूर हो गई है। इस लैब के लिए 100 करोड़ रुपए से तीन बिल्डिंग का निर्माण जारी है। इसमें 6 सेंट्रल लैब बनेंगी।
करीब 90 करोड़ की मशीनें यहां आना है। इससे यहां आने वाली कंपनियों को क्वालिटी जांच के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा। इसके अलावा काफी रिसर्च व डेवलपमेंट का काम भी यहीं हो सकेगा, ताकि कई नए डिवाइस भी डेवलप किए जा सकें। बड़ा थ्रीडी प्रिंटर भी यहां लगाया जा रहा है।
मेडिकल डिवाइस पार्क में अब तक करीब 25 कंपनियों को 40 एकड़ से ज्यादा जमीन आवंटित की जा चुकी है। इनके प्लांट का काम भी शुरू हो रहा है। सभी चिकित्सा व सर्जरी में काम आने वाले सामान यहां बनाए जाने हैं। इसलिए इनकी उच्च गुणवत्ता होना जरूरी है। इसी को देखते हुए यहां केंद्र की ओर से ही छह अलग-अलग लैबोरेटरी का निर्माण भी किया जा रहा है।
इससे गुणवत्ता जांच तो होगी ही। जरूरी सर्टिफिकेशन भी यहीं हो सकेगा। 10 फरवरी 2021 को मेडिकल डिवाइस पार्क की स्थापना को मंजूरी दी थी। अब तक यहां कुल 713 करोड़ रुपए का निवेश आ चुका है। इसके तहत तीन हजार से ज्यादा लोगों को रोजगार मिलेगा।