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इंदौर में कबीटखेड़ी में स्ट्रीटमेंट पाइंट बना फिर भी त्रिवेणी में कान्ह का पानी शिप्रा में मिल रहा


इंदौर में कबीटखेड़ी में स्ट्रीटमेंट पाइंट बना होने के बावजूद मांगल्या व सांवेर होते हुए त्रिवेणी में कान्ह का पानी शिप्रा में मिल रहा है। सिंहस्थ-2016 के पहले बने जूना निनौरा स्टापडेम की देखभाल समय पर नहीं की जाने से भी ओवरफ्लो की स्थिति बन रही है, जिसके चलते शिप्रा नदी का पानी मैला और प्रदूषित हो रहा है।

यह सच्चाई मंगलवार को शिप्रा नदी का निरीक्षण करने पहुंचे कलेक्टर नीरजकुमार सिंह के सामने आई। जूना निनौरा पर बने स्टापडेम का निरीक्षण करने के दौरान ग्रामीणों ने कहा कि स्टापडेम वर्ष 2014-15 में सिंहस्थ के पहले निर्माण कराया था, परंतु इसकी देखभाल अधिकारी समय पर नहीं करते हैं। इस पर कलेक्टर ने ग्रामीणों को आश्वस्त किया कि उचित कार्यवाही कर स्टापडेम का रखरखाव कराया जाएगा। कलेक्टर ने अधिकारियों से पूछा कि शिप्रा नदी में जूना निनौरा में पानी का लेवल कितना है और यहां से रामघाट पर पानी का लेवल कितना है। इसके बाद उन्होंने ग्राम पिपल्याराघौ पहुंचकर कान्ह नदी पर बने छोटे पाले का एवं कान्ह डायवर्शन के पाइंट का निरीक्षण किया। अधिकारियों ने उन्हें अवगत कराया कि कान्ह का गंदा पानी को रोकने के लिए इंदौर में कबीटखेड़ी में स्ट्रीटमेंट पाइंट बना है बावजूद इसके कबीटखेड़ी के बाद मांगल्या, सांवेर होते हुए त्रिवेणी में कान्ह का पानी शिप्रा में मिलता है। रामवासा पर भी कान्ह नदी पर स्टापडेम बना है।

पानी का फ्लो बढ़वाए, ताकि श्रद्धालु नर्मदा के पानी से स्नान कर सकें चौकी के श्मशान के समीप शिप्रा नदी में बने स्टापडेम एवं नर्मदा का पानी शिप्रा में छोड़े जाने वाले पाइंट के निरीक्षण के दौरान कलेक्टर ने कहा कि एनवीडीए के उच्चाधिकारियों से चर्चा कर पानी का फ्लो अधिक कराया जाए, ताकि 14-15 को मकर संक्रांति पर्व पर श्रद्धालु नर्मदा के पानी से स्नान कर सकें। हरिफाटक ओवरब्रिज के समीप राष्ट्रीय नदी संरक्षण योजना एमपीएस गऊघाट सीवेज पंप हाउस का निरीक्षण किया। कलेक्टर को अधिकारियों ने अवगत कराया कि यहां का नालों का गंदा पानी का स्टोरेज कर पाइप लाइन द्वारा सदावल ग्राम पहुंचाया जा रहा है।

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