उम्मीद से दोगुना मिलने की आशा, एक की मांग थी उज्जैन में दो मेडिकल कॉलेज खुल सकते हैं
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव की संकल्पना के अनुरूप विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन में 150 सीट के चिकित्सा महाविद्यालय शुरू के लिए शासन के चिकित्सा शिक्षा विभाग के आयुक्त को प्रस्ताव प्रेषित किया गया था। विश्वविद्यालय के प्रस्ताव पर चिकित्सा शिक्षा विभाग के आयुक्त ने चार सदस्यीय समिति गठित की थी। 5 जनवरी शुक्रवार को चार सदस्यीय टीम ने विश्वविद्यालय पहुंचकर अनिवार्यता प्रमाण पत्र के लिए निरीक्षण किया।
चिकित्सा शिक्षा विभाग, मध्यप्रदेश शासन द्वारा गठित टीम ने मेडिकल कॉलेज की स्थापना से जुड़े आवश्यक मानदंडों की दृष्टि से विश्वविद्यालय परिसर और जिला चिकित्सालय का निरीक्षण किया। टीम के सदस्य निरीक्षण के बाद संचालनालय को प्रतिवेदन अभिमत के साथ प्रेषित करेंगे।
विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन में मेडिकल कॉलेज प्रारम्भ करने के लिए प्रेषित प्रस्ताव पर मध्यप्रदेश शासन चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा गठित समिति द्वारा 5 जनवरी को निरीक्षण किया गया। चार सदस्यीय विशेषज्ञ समिति विक्रम विश्वविद्यालय के मुख्य प्रशासनिक भवन में शुक्रवार को प्रातः 11 बजे पहुंची। कार्यपरिषद कक्ष में कुलपति प्रो अखिलेश कुमार पांडेय ने समिति सदस्यों के साथ चिकित्सा विज्ञान कॉलेज प्रारंभ किए जाने के सम्बंध में आयोजित महत्वपूर्ण बैठक में चर्चा की। समिति सदस्यों में चिकित्सा महाविद्यालय इंदौर के डॉ. धर्मेंद्र झंवर विभागाध्यक्ष मेडिसिन विभाग, डॉ. पी. डे सरकार विभागाध्यक्ष बायोकेमेस्ट्री विभाग, डॉ. के के अरोरा प्राध्यापक अनेस्थियालॉजी विभाग और डॉ. अशोक पंचौनिया प्राध्यापक पैथालॉजी विभाग, चिकित्सा महाविद्यालय इंदौर सम्मिलित थे। टीम के सदस्य राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग, नई दिल्ली के निर्धारित मापदंड अनुसार निरीक्षण कर प्रतिवेदन अभिमत के साथ चिकित्सा शिक्षा संचालनालय को प्रस्तुत करेंगे। प्रारम्भ में निरीक्षण दल के साथ चर्चा में विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन के कुलपति प्रो. अखिलेश कुमार पांडेय, कुलसचिव डॉ अनिल शर्मा, एवं विश्वविद्यालय द्वारा गठित समिति के अध्यक्ष प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा, नोडल अधिकारी प्रो कमलेश दशोरा, डीएसडब्ल्यू प्रो सत्येंद्र किशोर मिश्रा, प्रो अलका व्यास, प्रो डी डी बेदिया, इंजी. अतुल जैन आदि उपस्थित थे।
टीम द्वारा जिला चिकित्सालय, चरक भवन और विश्वविद्यालय परिसर में एसओईटी एवं मानविकी भवन के पीछे 35 एकड़ जमीन की उपलब्धता एवं भवनों का अवलोकन किया गया। निरीक्षण दल के द्वारा 800 बेड युक्त जिला चिकित्सालय में ओपीडी, मेडिसिन विभाग, इमरजेंसी सुविधा, गहन चिकित्सा इकाई, मेडिकल वार्ड, आपरेशन थियेटर, चरक भवन में बच्चों एवं प्रसूताओं के लिए दी जाने वाली व्यवस्थाओं का अवलोकन किया। इस दौरान जिला चिकित्सालय के आरएमओ नीतराज गौड़ ने चिकित्सा व्यवस्था की जानकारी दी। यहां से टीम के सदस्य विश्वविद्यालय परिसर में उपलब्ध जमीन देखने पहुंचे। टीम के सदस्यों ने जमीन की स्थिति और जिला अस्पताल की व्यवस्था को लेकर संतोष जताया है।
कुलपति प्रो अखिलेश कुमार पांडेय ने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव की संकल्पना एवं निर्देशन में इस दिशा में विश्वविद्यालय द्वारा निर्धारित मानदंडों के अनुरूप कार्य किया जा रहा है। नवीन शैक्षणिक सत्र से यह महाविद्यालय प्रारम्भ किए जाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।
टीम के सदस्यों को पुष्पगुच्छ अर्पित कर उनका स्वागत कुलपति प्रो अखिलेश कुमार पांडेय, कुलसचिव डॉ अनिल शर्मा, कुलानुशासक प्रो. शैलेंद्र कुमार शर्मा, डीएसडब्ल्यू प्रो. एस के मिश्रा, प्रो. अलका व्यास, फार्मेसी संस्थान के निदेशक प्रो. कमलेश दशोरा, प्रो. डी डी बेदिया, डॉ. गणपत अहिरवार, इंजी. श्री अतुल जैन आदि ने किया।