एक साल में 18 संविदा डॉक्टर के इस्तीफे, ओपीडी और इमरजेंसी सेवाएं प्रभावित
जिला अस्पताल और चरक भवन में एनएचएम संविदा अंतर्गत पदस्थ डॉक्टर्स की कमी लगातार बनी हुई है। वर्तमान में जिला अस्पताल में कुल 31 एनएचएम डाॅक्टर की आवश्यकता है, लेकिन इनमें से केवल 13 डाॅक्टर कार्यरत हैं, जबकि आधे से भी ज्यादा यानी 18 डाॅॅक्टर के पद रिक्त हैं। इन 18 डॉक्टर ने एक साल के अंतर्गत ही अपने पद छोड़े हैं, लेकिन अब एक भी पद पर भर्ती नहीं हो पा रही है।
17 स्थाई मेडिकल ऑफिसर की भर्ती का प्रयास
शहर का जिला अस्पताल प्रदेश में सबसे ज्यादा बेड वाला अस्पताल है। अभी यहां 750 बेड की व्यवस्था है और इस साल यह संख्या 900 होने जा रही है, लेकिन फिलहाल जिला अस्पताल में प्रतिदिन सिर्फ उज्जैन ही नहीं आसपास के जिले से भी मरीज इलाज करवाने आते हैं। अस्पताल की ओपीडी में मरीजों की संख्या 600 से ज्यादा रहती है। साथ ही आॅपरेशन के लिए भी मरीजों के नंबर रहते हैं।
अस्पताल में स्टाफ की कमी को लेकर हमेशा शिकायत रही है। ओपीडी, आईसीयू, इमरजेंसी में डॉक्टर और स्टाफ की सबसे ज्यादा आवश्यकता है। जिला चिकित्सालय, ट्रामा सेंटर और पोली क्लिनिक छत्रीचौक अंतर्गत कुल 17 स्थाई मेडिकल ऑफिसरों के पदों पर स्वीकृति दी गई है, जिन पर अभी भर्ती होना बाकी है। साथ ही एनएचएम अंतर्गत आने वाले 18 डाॅक्टरों की भर्ती को लेकर लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।
अगस्त में एक ने संभाला था पद, एक महीने में ही छोड़ा
पिछले कुछ समय में केवल एक पद अगस्त में भरा गया था, लेकिन उन्होंने ने भी त्याग पत्र दे दिया। इन 18 डाॅक्टरों में से 15 मेडिकल ऑफिसर और 2 शिशु चिकित्सक और एक मनोचिकित्सक की जगह खाली है। इस कारण अस्पताल में इमरजेंसी ड्यूटी, ओपीडी, आईसीयू, एनआईसीयू में ड्यूटी देने के लिए डॉक्टर्स कम हैं।
स्थाई नौकरी या स्नातकोत्तर पढ़ाई का कारण बताकर डॉक्टर्स ने दिए त्याग पत्र
दरअसल एनएचएम राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के जरिए सरकारी अस्पतालों में मानव संसाधनों की कमी को देेेखते हुए संविदा पर डाॅक्टर्स को रखा जाता है, लेकिन जिला अस्पताल में करीब 18 डाॅक्टरों ने सरकारी नौकरी लगने, स्नातकोत्तर पढ़ाई या कोई और कारण बताकर अपना त्याग पत्र दे दिया और अब तक इन पद पर कोई नियुक्ति नहीं हो पा रही है। बचे 13 डॉक्टर्स को इन 18 डाॅक्टर्स का काम और मरीजाें का लाेड संंभालना पड़ रहा है।