top header advertisement
Home - उज्जैन << लोकायुक्त में केस फिर भी अफसरों को इस बात पर रियायत कि एक जैसे केस में वकील के अलग मत, टाल दी स्वीकृति

लोकायुक्त में केस फिर भी अफसरों को इस बात पर रियायत कि एक जैसे केस में वकील के अलग मत, टाल दी स्वीकृति


विधानसभा चुनाव के पहले से टलती आ रही एमआईसी की महत्वपूर्ण बैठक गुरुवार को ग्रांड होटल स्थित एमआईसी सभाकक्ष में हुई। बैठक में 18 प्रस्ताव रखे गए, जिन पर विचार रखा गया। सबसे अहम लोकायुक्त के प्रकरण में फंसे निगम के दो कर्मचारियों (तत्कालीन कार्यपालन यंत्री प्रभुलाल टटवाल व अरुण जैन) को लेकर भी प्रस्ताव आया, जिसमें अभियान स्वीकृति देना थी लेकिन इसे यह कहते हुए टाल दिया गया कि एक जैसे प्रकरण में वकील के अगल-अलग मत हैं। इसका परीक्षण कर फिर एमआईसी में लाया जाए।

यह कहने भर से लोकायुक्त के चंगुल में फंसे निगम के चार अफसरों को लगभग 4 माह की रियायत मिल गई। निगमायुक्त बदलने के बाद पहली बार एमआईसी की बैठक हो रही थी। बैठक में महापौर ने अधूरे प्रोजेक्टों को पूरा करने की अपेक्षा निगमायुक्त से की। उन्होंने कहा कि मंछामन मल्टी आधी ही बनी है। कई लोग अभी भी किराए के घर में रह रहे हैं। इस प्रोजेक्ट को पूरा किया जाए, जिससे लोगों को घर मिल सके।

इसके अलावा अंबोदिया स्थित पीएचई के फिल्टर प्लांट के आसपास रिक्त भूमि पर 25 मेगावाट का सोलर पॉवर प्लांट स्थापित किए जाने के संबंध में स्वीकृति दी गई। एमआईसी सदस्यों शिवेंद्र तिवारी, प्रकाश शर्मा, योगेश्वरी राठौर ने पिछली एमआईसी में पास प्रकरण को फिर से एमआईसी में लाने पर नाराजगी जताई। महापौर ने कहा कि ऐसा नहीं होना चाहिए। आगे से हुआ तो संबंधित अफसरों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।

Leave a reply