कलेक्टर ने की स्नान पर्व तैयारियों की समीक्षा
नर्मदा का पानी गुरुवार देर शाम तक शिप्रा में आना शुरू नहीं हो पाया था। वजह सप्लाय प्लांट के आसपास बिजली का फाल्ट होना बताई जा रही थी। दावा किया जा रहा था कि टीम केबल बदलने सहित अन्य सुधार कार्य में जुटी हुई है। जैसे ही सुधार कार्य पूरा होगा, सप्लाय शुरू कर दी जाएगी। इधर, इस बीच जल संसाधन विभाग की टीम ने कान्ह का गंदा पानी शिप्रा में मिलने से रोकने के लिए तपोभूमि के पीछे कच्चा बांध बनाने की तैयारी कर ली थी। वहीं कलेक्टर ने स्नान पर्व की तैयारियों की समीक्षा कर जरूरी निर्देश दिए।
14-15 जनवरी को शिप्रा के विभिन्न प्रमुख घाटों पर मकर संक्रांति का पर्व स्नान होना है। इस दिन स्नान के लिए बड़ी संख्या में लोग घाटों पर जुटेंगे। लिहाजा शिप्रा का गंदा पानी बहाकर इसमें नर्मदा का साफ पानी भरने की कवायद हो रही है। इसके लिए दो मोर्चों पर काम होना है। पहला तो यह कि शिप्रा में मिलने वाले कान्ह के गंदे पानी को रोकने के लिए तपोभूमि के पीछे व त्रिवेणी घाट के समीप मिट्टी के कच्चे बांध बनाए जाने हैं। दूसरा यह कि पाइपलाइन के जरिए नर्मदा का पानी शिप्रा के इन घाटों पर भरा जाना है।
उम्मीद थी कि गुरुवार सुबह से ही इन दोनों मोर्चों पर काम शुरू हो जाएगा लेकिन पीएचई के अधिकारियों का कहना था कि नर्मदा के जल सप्लाय प्लांट के आसपास बीच में कहीं बिजली का फाल्ट होने से पाइपलाइन शुरू नहीं हो पाई। टीम केबल बदलने व सुधार कार्य में जुटी हुई थी। दावे किए जा रहे थे कि रात में जब भी सुधार कार्य पूरा होगा तत्काल पाइपलाइन चालू कर दी जाएगी। इधर, इस बीच जल संसाधन विभाग के अमले ने राघो पिपलिया में कान्ह का गंदा पानी खाली कर तपोभूमि के पीछे कच्चा बांध बनाने की तैयारी कर ली थी, ताकि ये पानी शिप्रा की तरफ आगे नहीं बढ़े।