भाजपा व कांग्रेस पार्षदों ने की परिषद का विशेष सम्मेलन बुलाने की मांग, यह है कारण
नागदा जंक्शन । नगर पालिका परिषद के विशेष सम्मेलन को लेकर कांग्रेस पार्षदों के साथ सत्तापक्ष के पार्षदों ने भी नपाध्यक्ष व कलेक्टर को पत्र लिखा। ऐसा पहली बार हो रहा है कि सत्तापक्ष के पार्षदों को भी सम्मेलन बुलाने के लिए अध्यक्ष को पत्र लिखना पड़ रहा है।
नागदा नगर पालिका परिषद में वैसे तो सत्तापक्ष के पार्षदों व अध्यक्ष में कई दिनों से खींचतान चल रही थी। विधानसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी घोषित होने के बाद 16 पार्षदों ने भाजपा जिलाध्यक्ष को त्याग-पत्र दिया था। इसके बाद से खींचतान थोड़ी बढ़ गई।
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तीन पार्षदों को बाहर का रास्ता दिखाया
हाल ही में नपाध्यक्ष ने पीआइसी में फेरबदल करते हुए तीन पार्षदों को बाहर का रास्ता दिखाने के बाद पार्षदों व अध्यक्ष में खींचतान इतनी बढ़ गई कि अब भाजपा पार्षदों ने भी परिषद के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए कुछ माह पूर्व नपा कार्यालय के सामने हुई चोरी की एफआइआर होने के बाद भी अधिकारी द्वारा कार्रवाई नहीं कराए जाने, परिषद की बैठक में कर्मचारियों की आउटसोर्स भर्ती, विधायक चौहान द्वारा कौन कर्मचारी कहां काम कर रहा है इसकी सूची चस्पा, आउटसोर्स टेंडर 18 दिसंबर को खोला 19 को निविदा समिति में रखने जैसे और भी कई मुद्दों को लेकर परिषद का विशेष सम्मेलन बुलाने को लेकर अध्यक्ष को पत्र दिया।
विशेष सम्मेलन को बुलाने के लिए कलेक्टर को पत्र
इसमें 12 पार्षद शामिल हैं। भाजपा पार्षदों के रुख को देखते हुए कांग्रेसियों ने भी विशेष सम्मेलन को बुलाने के लिए कलेक्टर को पत्र दिया है। कांग्रेस पार्षद संदीप चौधरी ने बताया कि परिषद की बैठक संचालन में कई अनियमितताएं हो रही है। कई ऐसे मुद्दे हैं, जिन पर अध्यक्ष चर्चा नहीं होने देती है।
बता दें कि 36 वार्डों में से 22 पार्षद भाजपा के हैं। जबसे परिषद का गठन हुआ ज्यादातर बहुमत के आधार पर प्रस्ताव पारित किए गए हैं। अब 12 पार्षद ने भी अध्यक्ष के खिलाफ मोर्चा खोलने के बाद फिलहाल 26 पार्षद मैदान में आ गए हैं। परिषद की बैठक में अब बहुमत के आधार पर प्रस्ताव पारित नहीं हो पाएंगे।