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चरक में बेड पर हुई महिला की डिलीवरी


लेबर पेन होने पर सुबह 6 बजे परिवार के सदस्यों के साथ में चरक अस्पताल पहुंची। मुझे पहले लेबर रूम में ले जाया गया, यहां ड्यूटी डॉक्टर ने जांच कर कहा कि अभी समय है, बाेतल लगाना पड़ेगी। उसके बाद मुझे दूसरी मंजिल पर वार्ड में भर्ती कर दिया। बुधवार सुबह 9 बजे दर्द होने लगा और बेड पर ही मुझे डिलीवरी हो गई। मैंने बेटी को जन्म दिया।

स्टाफ व डॉक्टर मुझे तत्काल लेबर रूम में ले गए। जहां मुझे व बच्ची को तीन घंटे तक ऑव्जर्वेशन में रखा गया, उसके बाद चौथी मंजिल पर वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया। चरक में डॉक्टर्स की लापरवाही की वजह से महिला को बेड पर ही डिलीवरी हो गई।

उसकी प्रॉपर जांच की जाती तो लेबर रूम में डिलीवरी होती लेकिन उसे लेबर रूम से यह कहते हुए वार्ड में भर्ती कर दिया कि अभी समय है, वार्ड में भर्ती कर देते हैं। नतीजतन वार्ड में बेड पर महिला ने बेटी को जन्म दे दिया। बच्ची की जांच की गई, उसके स्वस्थ हाेने पर मां के साथ वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया।

मां व बच्ची को इंफेक्शन का खतरा

अस्पताल की दूसरी मंजिल के महिला वार्ड में दूसरे मरीज भी भर्ती हैं। यहां मरीजों के परिजनों का भी आना-जाना लगा था। इनसे मां व बच्ची को या दूसरे मरीजों को इंफेक्शन का खतरा बना रहा। वार्ड में अनावश्यक भीड़ को रोकने के लिए गार्ड भी तैनात हैं लेकिन एक मरीज के साथ में चार-पांच अटेंडर अंदर पहुंच जाते हैं।

तीन घंटे बाद बच्ची को जन्म दिया

प्रसूता मुनफ्जा पति अमीर खान उम्र 23 साल निवासी जयसिंहपुरा तकीया मस्जिद के पास ने भास्कर को बताया कि अलसुबह हल्का दर्द हो रहा था तो परिवार के लोग मुझे चरक लेकर आए। ड्यूटी डॉक्टर ने कहा- अभी समय है, वार्ड में भर्ती कर देते हैं। उसके ठीक तीन घंटे बाद मुझे बेड पर ही डिलीवरी हो गई।

यह स्थिति क्यों बनी कि महिला को लेबर रूम में ले जाने के बाद वार्ड में शिफ्ट किया गया। जहां बेड पर ही महिला की डिलीवरी हो गई। इसकी जांच करवाई जाएगी।

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