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अष्टमी के पर्व को लेकर नगर के हनुमान मंदिर सज गए


उज्जैन। मालवा में उज्जैन में मनाया जाने वाला हनुमान अष्टमी के पर्व को लेकर नगर के हनुमान मंदिर सज गए है। एक दिन पहले ही हनुमान अष्टमी की धूम दिखने लगी है। हालांकि पंचाग के मतांतर के कारण बुधवार शाम को भी अष्टमी का उत्सव मनाया जाएगा। वहीं अधिकांश मंदिरों में गुरूवार को अष्टमी का पर्व माना गया है।

हनुमान अष्टमी पर्व इस बार भी दो दिन बुधवार और गुरुवार को मनाया जा रहा है। पंचांग के मतांतर के कारण बुधवार को संध्या के समय अष्टमी का पर्व माना जा रहा है। ज्योतिषाचार्य पं. आनंदशंकर व्यास के अनुसार प्रदोषकाल में अष्टमी की मान्यता वाले लोग बुधवार शाम को पर्व मनाएंगे। वहीं सुबह अष्टमी मानने वाले गुरूवार को हनुमान अष्टमी का पर्व मनाएंगे। महाकाल मंदिर के समीप स्थित बड़े गणेश मंदिर परिसर में प्राचीन पंचमुखी हनुमान मंदिर में बुधवार शाम 7 बजे प्रदोष काल में हनुमान अष्टमी मनाई जाएगी। पं.व्यास ने बताया सुबह भगवान का अभिषेक पूजन किया जाएगा। दिन में हनुमान चालीसा, हनुमत कवच तथा लघुरूद्र का पाठ होगा। शाम को खिरान का महाभोग लगाकर पांच पंडितों द्वारा आरती की जाएगी। भक्तों को प्रसादी का वितरण होगा।

स्कंदपुराण में 108 हनुमान यात्रा का उल्लेख

ज्योतिषाचार्य पं. अमर डब्बावाला ने बताया कि पौष मास में कृष्ण पक्ष की अष्टमी को हनुमान अष्टमी के रूप में मनाया जाता है। महाकाल की नगरी में रूद्र स्वरूप में भगवान हनुमान भी विराजमान हैं। मलमास के साथ यह महीना धनु संक्रांति का भी माना गया है, साथ ही सूर्य की साधना भी इस महीने में करने का विशेष महत्व है। इसी महीने में संयोग से हनुमान अष्टमी भी आती है। स्कंदपुराण के अवंतिका खंड में 108 हनुमान यात्रा का उल्लेख मिलता है। यहां पर 108 हनुमान यात्रा का विधान है, जो शक्ति का अंश मानकर की जाती है। इससे मानसिक, शारीरिक कष्ट दूर होते हैं। इस माह में ऋतु के परिवर्तन का विधान भी बताया जाता है। इसमें सूर्य और हनुमानजी की आराधना करने से लाभ मिलता है।

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