रेलवे स्टेशन से महाकालेश्वर मंदिर तक रोप-वे और आउटर रिंग रोड बनने से राह होगी आसान
उम्मीदों का नए साल 2024... शहर के लोगों को नई सुविधाएं मिलेगी। इसमें मेट्रो ट्रेन उज्जैन तक आएगी और इंदौर-उज्जैन फोरलेन को सिक्स लेन किया जाएगा। इससे आवागमन में आसानी होगी और श्रद्धालु इंदौर से 40 मिनट में महाकाल मंदिर तक पहुंच सकेंगे। हरिफाटक मार्ग पर यूनिटी माॅल का निर्माण शुरू हो गया है, जो कि इसी साल पूरा हो जाएगा।
रेलवे स्टेशन से महाकाल मंदिर तक रोप-वे का निर्माण होगा, जिसकी तैयारियां शुरू हो गई है। पुराने शहर और फ्रीगंज को जोड़ने के लिए फ्रीगंज ब्रिज के समानांतर नया ब्रिज बनाया जाएगा। इसकी प्रशासकीय स्वीकृति हो चुकी है। अब टेंडर किया जाकर कार्य शुरू हो जाएगा।
शहर को जोड़ने वाले मुख्य मार्ग इंदौर रोड, देवास रोड, बड़नगर रोड, मक्सी रोड व आगर रोड को जोड़ने तथा शहर के आसपास में सर्कल फोरलेन बनाए जाने के लिए आउटर रिंग रोड का निर्माण किया जाएगा, जो कि करीब 40 किमी लंबा होगा, जिस पर करीब 160 करोड़ रुपए खर्च होंगे। आउटर रिंग रोड के बनने से शहर का दायरा बढ़ेगा और डेवलपमेंट के कार्य हो सकेंगे।
उद्योग आएंगे, व्यापार बढ़ने के साथ में रोजगार बढ़ेंगे
विक्रम उद्योगपुरी में 13000 करोड़ रुपए का निवेश होने का अनुमान है, जिसमें बड़े उद्योगों की स्थापना होने से शहर में आर्थिक ग्रोथ तो होगी ही 78,000 लोगों को नौकरी मिल सकेगी। सिंहस्थ-2028 में 14 करोड़ श्रद्धालुओं के आगमन को देखते हुए नए साल में ही आवश्यकता और स्थायी प्रकृति के निर्माण शुरू होंगे।
उज्जैन की कनेक्टिविटी इंडस्ट्रीयल सुपर कॉरिडोर से होगी
फोरलेन से शहर की कनेक्टिविटी दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रीयल सुपर कॉरिडोर से हो सकेगी। इसमें एक्सप्रेस-वे की तर्ज पर उज्जैन-गरोठ फोरलेन, देवास से उज्जैन तक फोरलेन व इंदौर-उज्जैन फोरलेन से बड़नगर व बदनावर तक फोरलेन पूरा हो सकेगा।
ट्रैफिक होगा आसान
रीगल टॉकीज की जमीन पर बनेगा कॉम्प्लेक्स और पार्किंग
पुराने शहर में गोपाल मंदिर के पास बेशकीमती जमीन इस साल नगर निगम को मिल गई। इसके लिए निगम कोर्ट तक लड़ाई लड़ना पड़ी। अब यहां बड़ा प्रोजेक्ट लाने की तैयारी हो गई है। महाकाल लोक बनने के बाद शहर में ट्रैफिक की बड़ी समस्या खड़ी हो गई। ऐसे में यहां कमर्शियल कॉम्प्लेक्स के साथ ही बड़ी पार्किंग बनाने का प्लान है।
खास बात यह है कि यहां 100 से अधिक वाहन पार्क हो सकेंगे वहीं 26 दुकानों के साथ ही 38 लग्जरी कमरे भी बनेंगे। बाहरी श्रद्धालुओं को महाकाल मंदिर के पास ही ठहरने की व्यवस्था मिल सके। पुराना नगर निगम और रीगल टॉकीज की करीब 40 हजार स्क्वेयर फीट जमीन को वापस लेने में निगम को सुप्रीम कोर्ट तक लड़ाई लड़ना पड़ी। इसकी प्रारंभिक डिजाइन भी तैयार हो चुकी है। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने विजय जुलूस में घोषणा भी की थी, जिसके बाद डिजाइन में कुछ बदलाव कर प्रोजेक्ट इसी साल बनेगा।
स्वास्थ्य सेवाएं
100 बेड होंगे अटैच, 50 बेड का बनेगा क्रिटिकल केयर हॉस्पिटल
जिला अस्पताल संभाग का सबसे बड़ा अस्पताल है। इसके बावजूद यहां मरीजों की भीड़ इतनी रहती है कि बेड कम पड़ जाते हैं। इसे ध्यान में रखते हुए जिला अस्पताल के पास ही 100 बेड का नया भवन तैयार किया जा रहा है। जिला अस्पताल परिसर में इस साल 100 बेड के भवन के साथ 50 बेड का क्रिटिकल केयर हॉस्पिटल अटैच होने वाला है। इसमें गंभीर मरीजों को तत्काल भर्ती किया जाएगा। यह अस्पताल तीन मंजिल होगा।
इसमें अत्याधुनिक चिकित्सा सुविधाओं से लैस आईसीयू होगा। वर्तमान में अस्पताल 750 बेड का है, निर्माण के बाद 900 बेड का हो जाएगा। 8.50 करोड़ की लागत में 100 बैड अटैच होंगे। यहां सामान्य मरीज के साथ ही सर्जिकल मरीजों को भर्ती रखा जा सकेगा। इस भवन में अत्याधुनिक मशीनों की सुविधा रहेगी। महिला और पुरुषों के लिए अलग-अलग वार्ड रहेंगे। 100 बेड के भवन में अलग से स्टाफ, डॉक्टर को नियुक्ति की जाएगी।
विक्रम विश्वविद्यालय
17 करोड़ से बनेगी कृषि अध्ययनशाला की नई बिल्डिंग
विक्रम विवि में साल 2024 में कृषि अध्ययनशाला की नई बिल्डिंग बनाई जाएगी। इस भवन को बनाने का काम शुरू हो चुका है। करीब 17 करोड़ की लागत से विवि परिसर स्थित लाइब्रेरी के पीछे कृषि अध्ययनशाला की इस नई बिल्डिंग को बनाया जा रहा है। दो मंजिला इस भवन में 17 क्लास रूम होंगे। इसके अलावा एक ऑडिटोरियम, डायरेक्टर कक्ष, स्टाफ रूम, लाइब्रेरी आदि भी इस भवन में होंगे। एक भवन का एक हिस्सा वर्ष 2024 में पूरा हो जाएगा और 2024 से ही इस भवन में कृषि अध्ययनशाला के विद्यार्थियों की कक्षाएं लगना शुरू जाएंगी। वर्ष 2025 में भवन तैयार हो जाएगा।
धरोहर संरक्षण
महाराजवाड़ा परिसर व छोटा रुद्रसागर क्षेत्र का विकास
महाराजवाड़ा हेरिटेज भवन का संरक्षण और हरित क्षेत्र का निर्माण किया जाएगा। महाराजवाड़ा परिसर का निर्माण 1941 में महाराजा सिंधिया ने करवाया था। यह परिसर समृद्ध एेतिहासिक धराेहर का हिस्सा है। परियाेजना में 24 सुसज्जित कमरे बनाए जाएंगे। जिनसे यात्रियों को ठहरने के लिए जगह उपलब्ध हो सकेगी। साथ ही एेतिहासिक धरोहर को संरक्षित रखने में मदद मिलेगी। परियोजना का उद्देश्य भवन का संरक्षण करते हुए महाराजवाड़ा का हेरिटेज होटल के रूप में फिर से उपयोग करना है। इसी तरह हरित क्षेत्र का निर्माण 1.15 लाख वर्गफीट में किया जाएगा। जिसमें वैदिक थीम पर आधारित पौधे और फव्वारे लगाए जाएंगे। साथ ही अनुभूति वन, चिंतन वन, पुष्करिणी और ध्यान केंद्र का विकास किया जाएगा। ओपन एयर थियेटर का निर्माण भी किया जाएगा।
21.52 करोड़ से रुद्रसागर और आसपास के क्षेत्र का कायाकल्प किया जाएगा। परियोजना में रुद्रसागर को नया जीवंत और आकर्षक बनाने के लिए रुद्रसागर का पुनर्त्थान, जल सफाई, किनारे पर पाैधारोपण, लैंडस्कैपिंग, मनोरंजन क्षेत्र, ध्यान कुटियां, छायादार विश्राम व्यवस्था शामिल है। साथ ही श्रद्धालुओं के लिए पार्किंग की सुविधा भी प्रदान की जाएगी।
अफसरों के अनुसार यहां 161 चार पहिया और 276 दो पहिया वाहन पार्क किए जा सकेंगे। 3.65 करोड़ रुपए की लागत से महाकाल मंदिर पहुंचने के लिए सुगम मार्ग सिद्धि विनायक पथ का विकास किया जा रहा है। इससे आगंतुकों को मंदिर पहुंचने के लिए सुविधा मिलेगी और यातायात नियंत्रण में सहायक होगा। इस मार्ग पर भूमिगत इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे स्टॉर्म वाटर ड्रेन, सीवरेज, एलटी और एचटी चैंबर, ओएफसी चैंबर सहित 190 मीटर का स्मार्ट रोड का निर्माण किया जा रहा है।