बूढ़ा हो गया बड़ा अस्पताल, 100 साल पुराने भवन में मेंटेनेंस से निजात पाने को अब नई बिल्डिंग
संभाग के सबसे बड़े जिला अस्पताल की मुख्य बिल्डिंग के आईसीयू में पानी की टप टप... तो कभी ऑपरेशन थियेटर (ओटी) में तो कभी वार्डों से लेकर आईपीडी व ओपीडी में समस्या। ओटी का पानी इमरजेंसी में टपकता है। बारिश में अस्पताल के वार्डों व एक्स-रे के कक्ष में पानी रिसने की समस्या। फ्लोरिंग खराब तो दीवारों में दरारें आ गई हैं। बिजली की पुरानी वायरिंग होने से आए दिन फाल्ट की समस्या।
अस्पताल परिसर में प्रॉपर पानी की निकासी नहीं है। मुख्य बिल्डिंग में आए दिन मेंटेनेंस की डिमांड... 750 बेड के अस्पताल में एक मात्र लिफ्ट, जिसमें लोड बढ़ने से आए दिन खराबी। जिला अस्पताल की 100 साल पुरानी मुख्य बिल्डिंग में इस तरह की समस्याओं और मेंटेनेंस ने अस्पताल प्रशासन को परेशानी में डाल रखा है। उन्हें बार-बार बिल्डिंग में कार्य करवाना पड़ रहा है। इन समस्याओं के स्थायी निराकरण के लिए अब जिला अस्पताल की नई बिल्डिंग पर विचार किया जा रहा है। जिसे जिला अस्पताल परिसर में या आगर रोड स्थित सख्याराजे भवन की जमीन पर बनाया जा सकता है।
सिंहस्थ-2028 में करीब 14 करोड़ श्रद्धालुओं के आगमन को देखते हुए नया हॉस्पिटल बनाया जाएगा, जो कि सुपर स्पेशलिटीज स्तर का होगा। इसमें एक साथ 750 से ज्यादा मरीजों के इलाज की सुविधा से रहेगी। जिला अस्पताल में 50 बेड का क्रिटिकल केयर हॉस्पिटल तो अस्पताल परिसर में ही करीब 100 बेड का एक और अस्पताल बनाया जा रहा है। इस तरह से कुल 900 मरीजों को इलाज की सुविधा मिल सकेगी। कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने सिविल सर्जन डॉ. पीएन वर्मा से नई अस्पताल बिल्डिंग को लेकर चर्चा भी की है।