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सेतु निगम ने इंदौर रोड की जमीन वापस मांगी तो यूडीए ने राजस्व विभाग से जमीन की डिमांड कर दी


जमीन के बदले जमीन के आवंटन में नया पेंच आ गया है। सेतु निगम ने इंदौर रोड की जमीन वापस मांगी तो यूडीए ने राजस्व विभाग से जमीन की डिमांड कर दी, जो कि डेढ़ साल बाद भी पेंडिंग है। इसके चलते सेतु निगम यह तय नहीं कर पा रहा है कि अपना कार्यालय कहां शिफ्ट कर पाएगा।

जिला प्रशासन ने इंदौर-उज्जैन फोरलेन पर त्रिवेणी ब्रिज के निर्माण के लिए वर्ष 1978-79 में इंदौर रोड पर करीब 12 हेक्टेयर जमीन अधिगृहीत कर सेतु निगम को आवंटित की थी। इ स पर त्रिवेणी ब्रिज के समानांतर नए ब्रिज का निर्माण किया गया।

शेष बची करीब 3.8 हेक्टेयर जमीन पर मोतीनगर कॉलोनी का अवैध निर्माण हो गया था और बाकी को यूडीए ने अपनी आवासीय योजना त्रिवेणी विहार में शामिल करते हुए यहां प्लॉट काट दिए, जिन्हें लोगों को बेचा जा चुका है। सेतु निगम की जमीन पर सड़क व नाली का निर्माण भी हो चुका है। कोर्ट के आदेश पर 15 जनवरी-2020 को करीब 103 मकानों के अवैध निर्माण को तोड़कर मोतीनगर की जमीन तो वापस ले ली गई।

इसी दौरान बाकी की जमीन का सीमांकन करवाया गया तो पता चला कि यूडीए ने सेतु निगम की जमीन पर ही प्लॉट काट दिए तथा सड़क व नाली निर्माण कर दिया है। इस पर सेतु निगम ने आपत्ति लेते हुए अपनी जमीन यूडीए से वापस मांग ली।

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