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राज्यसेवा-2020 परिणाम को लेकर संशय जारी


मध्य प्रदेश| राज्यसेवा परीक्षा 2020 का अंतिम चरण पूरा हो चुका है। राज्यसेवा 2020 के इंटरव्यू आयोजित हुए 10 दिन से अधिक समय बीत गया है। आम तौर इंटरव्यू समाप्त होने के सप्ताहभर में मप्र लोकसेवा आयोग (पीएससी) परिणाम घोषित कर देता है। हालांकि आयोग ने न तो अब तक अंतिम परिणाम और चयन सूची जारी की। ना ही एक-दो दिनों में परिणाम जारी होने के आसार दिख रहे हैं। कानूनी विवाद में उलझी प्रक्रिया पर आयोग फिलहाल विधिक राय लेने में जुटा हुआ है।
मप्र में ओबीसी वर्ग के 27 प्रतिशत आरक्षण पर कानूनी लड़ाई लंबित है। इस बीच राज्यसेवा परीक्षा 2020 की प्रक्रिया पीएससी ने 87 प्रतिशत की मुख्य सूची और 13-13 प्रतिशत की दो प्रावधिक सूची बनवाकर आयोजित की है। ऐसे में पीएससी का मानना है कि अभी 87 प्रतिशत पदों के मुकाबले मुख्य सूची वालों का अंतिम परिणाम घोषित कर दिया जाए। आरक्षण विवाद के अंतिम निर्णय के आधार पर 13 प्रतिशत वालों को चुना जाएगा। हालांकि इस फार्मूले पर विवाद खड़ा हो गया है। तमाम अभ्यर्थियों ने इस पर आपत्ति ली है। दरअसल 87 और 13 के फार्मूले में कई अभ्यर्थियों ने शिकायत की है कि कम अंक वाले मुख्य सूची में आ गए हैं। जबकि ज्यादा अंक वाले प्रावधिक सूची में रखे गए हैं। साथ ही 13 प्रतिशत पद के परिणाम रोके जाने से भी चयन सूची गड़बड़ा रही है। विवादों को देखकर पीएससी के भी कान खड़े हो गए हैं। पीएससी आशंकित है कि यदि अंतिम परिणाम घोषित कर दिया जाता है तो कानूनी प्रक्रिया और लंबित विवाद पर तो असर नहीं पड़ेगा। ऐसे में फिलहाल पीएससी ने विधिक राय आने तक रिजल्ट की प्रोसेसिंग रोक दी है।माना जा रहा है विधिक राय और आयोग के विचार मंंथन के कारण अभी परीक्षा परिणाम में और देरी हो सकती है। 87-13 के फार्मूले पर यदि आधी चयन सूची घोषित भी की जाती है तो फिर से इस पर एक और विवाद होना तय माना जा रहा है।

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