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सांवेर के आंगन में फिर होगी तुलसी पूजा ?


चुनावी चटखारे 
कीर्ति राणा ,वरिष्ठ पत्रकार

                  माना तो यही जा रहा है कि सांवेर से भाजपा तुलसी सिलावट को ही फिर प्रत्याशी बनाएगी। ऐसा हुआ तो क्यासिलावट अपनी पुरानी लीड बरकरार रख पाएंगे? वजह यह कि इस सीट से भाजपा में भी दावेदार मैदान पकड़चुके हैं।सिंधिया के साथ भाजपा में आए तुलसी को उप चुनाव में तो रमेश मेंदोला के चुनाव संचालन से भारीभरकम लीड मिल गई थी, अब मेंदोला खुद अपना चुनाव लड़ेंगे तो सांवेर की राह तुलसी के लिए कौन आसान करेगा ? उप चुनाव के वक्त तो जिला अध्यक्ष डॉ राजेश सोनकर को कंधे पर बैठा रखा था लेकिन उनके मन में भी लड्डूफूट रहे हैं। सरकार ने सावन सोनकर को निगम का अध्यक्ष जरूर बना रखा है लेकिन वो भी सांवेर में  अधिक समय दे रहे हैं।मंत्री और विधायक रहे दिवंगत प्रकाश सोनकर के पुत्र विजय कमल तो गांव गांव अपनीदावेदारी करते घूम कर लोगों को समझा रहे हैं कि पिता की विरासत के असली वारिस तो वही हैं।  
               यहां से विधायक रह चुके प्रेमचंद गुड्डू ने भले ही चुनाव लड़ने से इंकार कर दिया है लेकिन सिलावट के कुनबे केही ओम सिलावट को सांवेर से आसान जीत के सपने आने लगे हैं। मामा को टक्कर देने के कारण गिनाते घूमरहे इस भांजे को भरोसा है कि कांग्रेस से उनके अलावा कोई और दमदार हो ही नहीं सकता।

▪️भाजपा मैदान में, कांग्रेस बयानों में 

                   इंदौर के 8 विधानसभा क्षेत्रों में से पिछले चुनाव में क्षेत्र क्रमांक 2,3, 4,5 में भाजपा और क्षेत्र क्रमांक एक, सांवेर, देपालपुर और राऊ में कांग्रेस जीती थी लेकिन उपचुनाव में सांवेर सीट फिर भाजपा की हो गई। तब से अब देखें तो भाजपा हर दिन इलेक्शन मोड में है, कांग्रेस का मैदानी उत्साह तो राहुल की भारत जोड़ो यात्रा के दौरान हीदिखा था। अब जबकि विधानसभा चुनाव को छह महीने बचे हैं कांग्रेस वहीं खड़ी है।भाजपा का चुनावी बैठकों, इंदौर गौरव दिवस के साथ प्रधानमंत्री के ऐतिहासिक 9 साल की उपलब्धियां गिनाने के बहाने जन जन तकपहुंचने का अभियान चल पड़ा है। कांग्रेस की हालत यह है कि चार महीने बाद भी शहर अध्यक्ष का फैसला नहींहो सका है।हां हटाए गए विनय बाकलीबाल यहां नहीं तो दवा एसोसिएशन के पुन: अध्यक्ष जरूर बन गए हैं।

▪️खोखला महाकाल लोक ! 

                   तेज आंधी का शिकार हुई महाकाल लोक की मूर्तियों से यह सच भी सामने आ गया कि मूर्तियां खोखली हीथी।अब यह भी तथ्य सामने आ रहे हैं कि इन खोखली मूर्तियों का पेमेंट भी आंख मूंद कर किया गया है।इसलोक के निर्माण वाली एजेंसियों में एक ठेका गुजरात की किसी फर्म के नाम होने से भी सरकार एक्शन लेने मेंहिचकिचा रही है।खोखले महाकाल लोक वाला मुद्दा कांग्रेस के लिए शिवराज सरकार पर आक्रामक हमले का आधार बन गया है।पहले सरकार को महाकाल लोक सौगात की वाहवाही मिली तो अब कांग्रेस इसकी असलियत सामने लाकर महाकाल भक्तों को अपने पक्ष में करने पर काम करेगी। 

▪️आउटडेटेड हैं पर इतने भी नहीं 

                    सत्तारुढ़ दल को चुनावी साल में जिन चुनौतियों से जूझना पड़ता है उनमें कार्यकर्ताओं की नाराजी भी रहती है।भाजपा संगठन इन्हें तो डरा-धमकाकर मना लेता है लेकिन उन वरिष्ठों को कैसे समझाएं जो खुर्राट हैं, तपे-तपाए और पार्टी को बनाने वालों में से हैं।आउटडेटेड को सोने का वरक लगाकर भाजपा ने मार्गदर्शक मंडल का नाम दे दिया। उसी राह पर मप्र में भी कई पूर्व सांसद, पूर्व विधायकों को आउटडेटेड खाते में डाल दिया गया। अब इंदौर सहित प्रदेश के कई क्षेत्रों में ये सारे आउटडेटेड राग असंतोष में अपनी पीड़ा सुना रहे हैं। जाहिर है इनके निशानेपर प्रदेश सरकार और संगठन के बड़े नेता ही हैं।  

▪️सलूजा वर्सेस गौतम 

                  शायद ही कोई दिन ऐसा जाता हो जब भाजपा में स्थापित हुए नरेंद्र सलूजा कांग्रेस और खासकर कमलनाथ पर निशाना लगाना नहीं भूलते हों।उनका बयान जारी होते ही कांग्रेस मीडिया सेल के उपाध्यक्ष संतोष सिंह गौतम भी तथ्यों सहित बयानों की बौछार लगा कर उनके आरोपों को झूठा साबित करने में देरी नहीं करते।

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