देश में बसेंगे 8 नए शहर, 200 किलोमीटर का होगा दायरा
देश में जल्द ही 8 नए शहरों और बसेंगे, नए शहरों का दायरा 200 किलोमीटर तक रहेगा, ये शहर विभिन्न मध्यप्रदेश सहित विभिन्न राज्यों में होंगे, ताकि देशभर के लोगों को इनमें बसने के लिए किसी प्रकार की दिक्कत का सामना नहीं करना पड़े, इस संबंध में इंदौर में आयोजित हुई अर्बन-20 सम्मेलन में पूरा खुलासा किया गया है।दरअसल मध्यप्रदेश सहित अन्य प्रदेशों में जितने भी शहर हैं, उनमें जनसंख्या का भार काफी बढ़ गया है, इस कारण इन शहरों में जनसंख्या के भार को कम करने के लिए नए शहरों को बसाने पर चर्चा शुरू हो गई है, जिस पर योजनाबद्ध तरीके से काम चल रहा है, इस मामले पर सभी राज्यों से प्रस्ताव भी मंगवाए गए थे, जिसमें से मध्यप्रदेश सहित अन्य राज्यों से करीब 26 नए शहरों के लिए प्रस्ताव भेजे गए थे, इस संबंध में गहन मंथन करने के बाद देश में 8 नए शहरों को बसाने पर काम किया जा रहा है।इस संबंध में केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के विभाग की जी 20 यूनिट के निदेशक एमबी सिंह ने मध्यप्रदेश के इंदौर शहर में आयोजित अर्बन-20 सम्मेलन में मीडिया से चर्चा कर नए शहरों की बसाहट पर विस्तार से चर्चा की, उन्होंने बताया कि सरकार नए शहरों के लिए जगह चिन्हित कर जल्द ही नए शहरों के विकास की रूपरेखा तैयार करेगी, उन्होंने बताया कि नए शहर इसलिए जरूरी हैं क्योंकि वर्तमान शहर नागरिकों की जरूरतों को पूरा करने में सक्षम नहीं रहे, चूंकि लगातार जनसंख्या बढ़ती जा रही है, ऐसे में अधिकतर शहरों के बाहर बेतरतीब तरीके से बसाहट होती जा रही है, लेकिन उनकी जरूरतें पूरी नहीं हो पाती है, वहां ठीक से विकास भी नहीं हो पाता है, इसलिए नए शहरों को बसाने की योजना जल्द ही जमीन पर आएगी।
निदेशक सिंह ने बताया कि किसी भी नए शहर के बसने से करीब 200 किलोमीटर के दायरे में आर्थिक और सामाजिक गतिविधियां बढ़ती है, चूंकि नए शहरों का विकास भी नई योजनाओं के आधार पर होता है, इस कारण जब देशभर में नए शहर बसेंगे, तो निश्चित ही वहां विकास और रोजगार की अपार संभावनाएं होगी, इससे वर्तमान शहरों में लगातार बढ़ रही जनसंख्या का दबाव भी कम होगा।
अभी इन शहरों पर अधिक दबाव
मध्यप्रदेश में जनसंख्या का सबसे अधिक दबाव इंदौर और भोपाल शहर में है, ये शहर एमपी के मध्य में स्थित होने के कारण यहां देशभर से लोग आ रहे हैं, क्योंकि यहां शिक्षा से लेकर स्वास्थ और रोजगार के भी पर्याप्त संसाधन हैं, इंदौर जहां व्यवसायिक राजधानी मानी जाती है, वहीं भोपाल मध्यप्रदेश की राजधानी है, इन दोनों ही शहरों में जनसंख्या का दबाव काफी अधिक होने के कारण ये दोनों ही शहर शहरी सीमा को तोडक़र 50-50 किलोमीटर दूर तक जा बसे हैं। इन शहरों में बसे लोगों को अगर बस स्टैंड या रेलवे स्टेशन भी पहुंचना होता है, तो 20 से 30 किलोमीटर तक सफर करना पड़ता है। ऐसे में मध्यप्रदेश में भी नए शहर की डिमांड बढ़ती जा रही है। बताया जा रहा है कि इंदौर की जनसंख्या 33 लाख का आंकड़ा पार कर चुकी है, वहीं भोपाल की जनसंख्या 25 लाख का आंकड़ा पार कर चुकी है। इन शहरों की चारों तरफ से सीमा भी शहर से 30 से 40 किलोमीटर दूर तक जा पहुंची है।