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24 घंटे में 3 राज्यों में भारी बारिश की आशंका


भारत के मौसम विभाग यानी IMD के मुताबिक, 24 घंटों में केरल समेत 3 राज्यों में भारी बारिश की आशंका है। 13 राज्यों में हल्की से मध्यम बारिश होने का अलर्ट जारी किया गया है। जम्मू कश्मीर और हिमालय के कुछ इलाकों में बर्फबारी होने की संभावना है। वहीं, अन्य राज्यों में मौसम साफ रहने का अनुमान है।मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक, अल नीनो और वेस्टर्न डिस्टर्बेंस के कारण मई के महीने में मौसम में यह बदलाव हुआ है। इससे पहले

इन 3 राज्यो में भारी बारिश, 13 में हल्की से मध्यम बारिश का अनुमान
IMD के मुताबिक, 3 राज्य- केरल, तमिलनाडु और अरुणाचल प्रदेश में भारी बारिश की संभावना है। वहीं, 13 राज्य- सिक्किम, ओडिशा, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, बिहार, झारखंड, ओडिशा, पंजाब, राजस्थान और गुजरात में हल्की से मध्यम बारिश होने का अनुमान है।


दिल्ली में 122 साल में तीसरी सबसे सर्द सुबह
गुरुवार को दिल्ली में 122 साल के इतिहास में मई के महीने में तीसरी सबसे ठंडी सुबह देखी गई। यह आंकड़ा इसलिए क्योंकि 1901 से भारत मौसम विज्ञान विभाग ने मौसम का रिकॉर्ड रखना शुरू किया था।

इस वजह से उत्तर भारत में मई में भी मौसम ठंडा रहा
26 अप्रैल के आसपास एक तेज पश्चिमी विक्षोभ यानी वेस्टर्न डिसटबेंस ने हिमालय क्षेत्र को प्रभावित किया है। इसकी वजह से न केवल देश के पहाड़ी इलाकों में बल्कि मैदानी इलाकों में भी लगभग हफ्ते भर बारिश हुई, जिससे तापमान में गिरावट देखी गई।

अल नीनो के कारण भी बदला मौसम
कुछ साइंटिस्ट के मुताबिक, अल नीनो की वजह से भी मौसम में ऐसे बदलाव देखे जाते है। अल नीनो आमतौर पर अप्रैल और मई के दौरान प्री-मानसून बारिश में एक बड़ा नेचुरल बदलाव लाता है।संयुक्त राष्ट्र के विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) के मुताबिक, अल नीनो जुलाई के अंत तक 60 फीसदी और सितंबर के अंत तक 80 फीसदी की आशंका के साथ उभर सकता है। इसका असर पूरी दुनिया के जलवायु और मौसम के पैटर्न पर होगा।कई सालों में एक बार होता है मौसम में ऐसा बदलाव: IMD साइंटिस्ट
भारत मौसम विज्ञान विभाग यानी IMD के सीनियर साइंटिस्ट राजेंद्र कुमार के मुताबिक, यह पूरी तरह से असामान्य नहीं है, लेकिन बहुत आम भी नहीं है। मौसम में ऐसा बदलाव कई सालों में एक बार होता है। यह एक एक्टिव पश्चिमी मिड एल्टिट्यूड वेदर सिस्टम था, जो बहुत तीव्र था। इसका प्रभाव मैदानी इलाकों में देखा गया था। लगातार हुई बारिश ने तापमान को काफी नीचे ला दिया है।

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