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महिला पहलवानों को सुप्रीम कोर्ट से है आस


 संदीप कुलश्रेष्ठ
                  महिला पहलवानों के आरोपों और अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर पहली बार दिल्ली पुलिस ने कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न के मामले में दो एफआईआर दर्ज की है। इस एफआईआर के लिए महिला पहलवान करीब तीन महीने से संघर्ष कर रही थी। अब जाकर सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर दिल्ली पुलिस ने आरोपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। 
तीन महीने पहले दिया था धरना - 
                   ओलंपिक पदक प्राप्त महिला पहलवान विनेश फोगाट, साक्षी मलिक, बजरंग पूनिया सहित सात पहलवानों ने कुश्ती संघ के अध्यक्ष के खिलाफ जनवरी माह में 4-5 दिवसीय धरना दिया था। धरना देने के बाद पहलवानों को उनकी शिकायत पर जाँच करने और कार्रवाई के आश्वासन दिए जाने के बाद पहलवानों ने धरना समाप्त कर दिया था। किन्तु न तो जाँच हुई, न ही आरोपी के खिलाफ कोई कार्रवाई की गई। इस कारण 23 अप्रैल से पहलवानों ने कुश्ती संघ के अध्यक्ष के विरूद्ध फिर से नई दिल्ली के जंतर मंतर पर धरना देना शुरू कर दिया। दो दिन तक कोई कार्रवाई न होने पर 25 अप्रैल को पहलवानों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई। 
सुप्रीम कोर्ट ने दिए निर्देश -
                सुप्रीम कोर्ट के सीजेआई श्री डी.वाई चन्द्रचूड़ और जस्टिस पी.एस नरसिम्हा की पीठ ने पहलवानों की याचिका पर कुश्ती संघ के अध्यक्ष के विरूद्ध एफआईआर दर्ज करने निर्देश दिल्ली पुलिस को दिए। तब जाकर पुलिस ने आरोपी के खिलाफ दो एफआईआर दर्ज की। इसमें से एक एफआईआर पॉक्सो के अन्तर्गत दर्ज की गई और दूसरा प्रकरण छेड़छाड़ से संबधित दर्ज किया गया। इस प्रकरण की अगली सुनवाई 5 मई को होगी। 
आरोपी को जेल भेजने के लिए डटे पहलवान -
                  जंतर-मंतर पर धरने पर बैठे पहलवान साक्षी मलिक, विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया आदि ने यह मांग की कि कुश्ती संघ के अध्यक्ष को सभी पदों से बेदखल किया जाए, ताकि वे जाँच को प्रभावित न कर सके। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि आरोपी की गिरफ्तारी होने तक उनका धरना जारी रहेगा।
पहलवानों के समर्थन में आए अनेक -
                   पहलवानों के दूसरी बार जंतर मंतर पर बैठने के बाद अनेक सुप्रसिद्ध खिलाड़ियों ने पहलवानों का समर्थन करना शुरू कर दिया है। जिन्होंने समर्थन दिया है, उनमें प्रमुख है सर्व श्री कपिलदेव, नीरज चोपड़ा, अभिनव बिन्द्रा, हरभजन सिंह, नवजोत सिंह सिद्धू, सानिया मिर्जा, स्वरा भास्कर आदि। प्रसिद्ध खिलाड़ी और आईओए की अध्यक्ष पीटी उषा ने जब खिलाड़ियों को धरने पर बैठने पर उसे अनुशासहीनता बताया तो पीटी उषा को सोशल मीडिया पर अनेक लोगों की नाराजगी भी झेलनी पड़ी।
आरोपी सांसद भी है -
                  पहलवानों द्वारा कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ दूसरी बार धरना आंदोलन चलाने और अनेक प्रसिद्ध लोगों का समर्थन मिलने के बाद आरोपी ने इस्तीफे की पेशकश करते हुए कहा है कि यदि खिलाड़ी धरना छोड़कर मैदान में लौटते है तो वे इस्तीफा देने को तैयार है। उल्लेखनीय है कि आरोपी उत्तरप्रदेश के गौंडा जिले की केसरगंज की सीट से भाजपा के सांसद है। संभवतः इसी कारण वे अभी तक बचे हुए थे ! ये 2011 से कुश्ती संघ के अध्यक्ष है। फरवरी 2019 में कुश्ती संघ के लगातार तीसरी बार अध्यक्ष चुने गए थे। 
केन्द्र सरकार करें बर्खास्त -
                 पहलवानों द्वारा गंभीर आरोप लगाए जाने के बाद ही केन्द्र सरकार को चाहिए था कि वे कुश्ती संघ के अध्यक्ष को उनके पद से तुरंत हटा देते। किन्तु शायद भाजपा के सांसद होने के कारण वे बचे रहें। अब तो उनके विरूद्ध सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद एफआईआर भी दर्ज हो गई है। कई प्रसिद्ध व्यक्ति भी पहलवानों के समर्थन में उतर आए हैं। कम से कम अब तो केन्द्र सरकार और भारतीय जनता पार्टी को जाग जाना चाहिए और आरोपी को उसके सभी पदों से बर्खास्त कर देना चाहिए। इसके साथ ही आरोपी की किसी प्रकार मदद नहीं करना चाहिए, ताकि भारतीय जनता पार्टी और केन्द्र सरकार का यह कहना सार्थक हो सके कानून से ऊपर कोई नहीं है। न्यायालय आरोपी को जो सजा सुनाए उसे उसे भुगतने देना चाहिए। 
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