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प्रदूषण कम करने के लिए मैक्सिको सिटी, लंदन और बीजिंग से लें सबक


सन्दीप कुलश्रेष्ठ
           हाल ही में दिल्ली में बेहद गंभीर प्रदूषण के कारण स्वास्थ्य आपातकाल लागू कर दिया गया है। दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों की रैंकिंग में दिल्ली पहले नम्बर पर आ गया है। प्रदूषण कम करने की दिशा में मैक्सिको सिटी, लंदन और बीजिंग में बहुत अच्छा काम किया गया है। हमारे देश को इनसे सबक लेना चाहिए। 
सबसे प्रदूषित दिल्ली -
            वर्ष 2021 में दुनिया के टॉप-10 सबसे प्रदूषित शहरों में भारत के नौ शहर शामिल थे। इससे हमारे देश ने कोई विशेष सबक नहीं लिया। भारत के इन सबसे प्रदूषित शहरों की रैंकिंग में दिल्ली पहले नम्बर पर है। प्रदूषण हटाने के लिए तात्कालिन प्रयास करने से ही दिल्ली की ये हालत हो गई है। 
चीन ने किया उल्लेखनीय कार्य -
            वर्ष 2013 के बाद से चीन ने प्रदूषण में करीब 40 प्रतिशत की कमी लाकर दुनिया के सामने उदाहरण प्रस्तुत किया है। इसी प्रकार लंदन में भी उल्लेखनीय कार्य किया गया है। यूएन ने तो मैक्सिको सिटी को पृथ्वी का सबसे दूषित शहर घोषित कर दिया था, मगर 1989 में यहाँ कारों पर पाबंदी लगाने वाला विश्व में यह पहला देश बन गया। इससे प्रदूषण में उल्लेखनीय कमी आई। 
दिल्ली में स्वास्थ्य आपातकाल -
            दिल्ली में 4 नवंबर को एक्यूआई 445 तक पहुँच गया। एक्यूआई 0 से 50 तक सामान्य माना जाता है। इसे बेहद गंभीर प्रदूषण माना जाता है। एक्यूआई 450 से ऊपर होना फेफड़ों के लिए अत्यन्त घातक माना जाता है। इसलिए दिल्ली सरकार ने इस बेहद गंभीर स्थिति से निपटने के लिए पाँचवी तक के सभी स्कूलों को बंद कर दिया। सरकारी और निजी दफ्तरों में कर्मचारियों की उपस्थिति 50 प्रतिशत कर दी गई है और 50 प्रतिशत कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम के लिए कहा गया है। सभी व्यवसायिक निर्माण कार्य रोक दिए गए है। ट्रकां और डीजल कारों पर रोक लगा दी गई है। 
प्रदूषण का मुख्य कारण पराली जलाना -
            पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने से उन राज्यों में तो प्रदूषण फैलता ही है किन्तु, सबसे ज्यादा प्रभावित दिल्ली राज्य हो जाता है। हर साल यही स्थिति बनती है। पराली जलाने से रोकने के लिए तात्कालिक उपाय उठाए जाते है। इस कारण पिछले अनेक सालों से यह स्थिति बन रही है। 
ठोस किए जाए प्रयास -
          पंजाब, हरियाणा और दिल्ली में प्रदूषण कम करने के लिए केन्द्र सरकार और संबंधित राज्य सरकार को मिलकर काम करने की आवश्यकता है। सबसे ज्यादा जरूरत है किसानों को जागरूक करने की और उन्हें पराली जलाने से रोकने की। इसके साथ ही पराली जलाने की बजाय अन्य वैकल्पिक सस्ते उपाय अपनाने के लिए वैज्ञानिक ठोस उपाय किए जाने चाहिए। हाल ही में पराली को काटने की एक नई मशीन आई है। उससे ऑटामैटिक पराली कट जाती है और उसके गट्ठर बन जाते है। इस उपाय को जन-जन तक पहुँचाने की आवश्यकता है। इसके साथ ही किसानों को अधिकतम अनुदान देकर मशीन क्रय करने के लिए प्रोत्साहित करने की भी आवश्यकता है। राज्य सरकारों को यह भी कोशिश करनी चाहिए कि राज्य सरकार द्वारा निःशुल्क पराली काटी जाए। इससे किसान पराली नहीं जलाएंगे। केन्द्र और राज्य सरकारों को इस दिशा में गंभीर प्रयास करने की आवश्यकता है। 
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