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फिर सुर्खियों में एमपी- व्यापमं के बाद फेल डॉक्टर भी हो रहे हैं पास..!


ना काहू से बैर

राघवेंद्र सिंह, वरिष्ठ पत्रकार

भोपाल ।  एमपी की मेडिकल यूनिवर्सिटी अर्थात आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय व्यापमं की तरह घपले और घोटाले कर दिए हैं। दो बार के फेल छात्रों को मनमानी कर पास करने जैसे कारनामे कर डाले हैं। आड़ ली एनआरआई कोटे की। जो कि अस्तित्व में ही नही है। इस तरह के गोरखधंधे को उजागर करने के मामले में एक पूर्व मंत्री भाजपा के एक वरिष्ठ नेता भी अगुआ रहे। 

                   इतिहास के सबसे मारक घोटाले व्यापमं से अभी सूबे के पिंड छूटा भी है कि मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी का घोटाला गले से लिपट गया है।
दागदार हुई यह यूनिवर्सिटी जबलपुर में है। इसमें एनआरआई कोटे के एमबीबीएस और डेन्टल के ऐसे छात्रों को पास कर दिया गया। एक तरह से मरीजों की जान लेने का लाइसेंस दे दिया गया। ये छात्र दो दफा री-वैल्यूवेशन में फेल हो चुके थे। उन्हें स्पेशल केस का फायदा देकर तीसरी बार री-वैल्यूवेशन कर पास कर दिया। यह सब संकेत हाईकोर्ट के निर्देश पर बने जांच आयोग  की छन कर आ रही रिपोर्ट में निकले हैं। इसकी अध्यक्षता रिटायर्ड जस्टिस केके त्रिवेदी कर रहे थे। रिपोर्ट को सीलबंद लिफाफे में हाईकोर्ट में पेश किया गया है।

                   पांच सदस्यीय जांच कमेटी का 14 अक्टूबर 2021 को गठन किया गया था। कमेटी में साइबर क्राइम के एडीजी योगेश देशमुख, राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. सुनील कुमार गुप्ता के साथ सीनियर कंसलटेंट विरल त्रिपाठी व इंजीनियर टेस्टिंग प्रियंक सोनी शरीक थे।
व्यापमं घोटाले की तर्ज पर इसमे भी जिनका नामांकन हुआ, परीक्षा में उसकी जगह कोई और बैठा। अब कार्रवाई होने पर धरपकड़ का सिलसिला होने के आसार हैं।  
                    यह मेडिकल यूनिवर्सिटी 2011 में शुरू की गई थी। इसके तहत राज्य के सारे एमबीबीएस, डेंटल, नर्सिंग, आयुर्वेदिक, यूनानी, होम्योपैथी, योग, प्राकृतिक चिकित्सा, पैरामेडिकल के कोर्स चलते हैं। पिछले फर्जीवाड़े के खुलासे के बाद यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर को अपना पद छोड़ना पड़ा था।
  पूरे प्रकरण में नम्बर दर्ज करने वाली कथित विवादित कंपनी की जांच नहीं की गई। जिसके पोर्टल में नम्बर्स को दर्ज करने में हेराफेरी की गई। 
                   विश्नोई ने कहा है कि मेडिकल यूनिवर्सिटी में गोपनीय विभाग की प्रभारी रही डॉक्टर तृप्ति गुप्ता मूलत: मेडिकल कॉलेज जबलपुर की बायोकेमिस्ट्री विभाग की एसोसिएट प्रोफेसर हैं। उन्होंने नियम विरुद्ध जाकर  फेल छात्रों को पास कराया था। उन्होने यह भी आरोप लगाया कि आयुष के छात्रों की पिछले 4 साल की मार्कशीट व उनके रिकार्ड यूनिवर्सिटी से गायब है।  डॉ. तृप्ति गुप्ता उनके पति डा. अशोक साहू को सरकार ने  पूर्व के घोटालों पर 4 नंवबर को बर्खास्त कर दिया गया है। 

                  साल 2011 में जबलपुर में शुरू की गई मध्यप्रदेश मेडिकल यूनिवर्सिटी के अंतर्गत राज्य के सारे MBBS, डेंटल, नर्सिंग, आयुर्वेदिक, यूनानी, होम्योपैथी, योग, प्राकृतिक चिकित्सा, पैरामेडिकल के कोर्स चलते हैं। पिछले फर्जीवाड़े के खुलासे के बाद यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर को अपना पद छोड़ना पड़ा था।

भोपाल में 221 करोड़ का एलिवेटेड फ्लाई ओवर बनेगा
                भोपाल इंदौर का सफर आसान करने के लिए राजधानी की सीमा पर लगा संत हिरदाराम नगर डबल डेकर एलिवेटेड फ्लाईओवर से सुसज्जित होने वाला है। 3 किलोमीटर इलाके में मेट्रो लाइन से इस फ्लाईओवर को जोड़ा जाएगा। इसके लिए 221 करोड़ का बजट तय किया गया है। भाजपा विधायक रामेश्वर शर्मा की विधानसभा हुजूर में आने वाला यह दूसरा क्षेत्र है जहां सड़क निर्माण पर इतनी भारी-भरकम राशि खर्च की जाएगी पिछले हफ्ते ही शर्मा के विधानसभा क्षेत्र कोलार इलाके में सिक्स लेन रोड बनाने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भूमि पूजन किया था। इन दो सड़कों से राजधानी की शक्ल सूरत बदल जाएगी। करीब साढ़े चार सौ करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है। इससे भोपाल आने - जाने वालों के लिए हिरदाराम नगर के ट्रैफिक जाम से राहत मिलेगी तो दूसरी तरफ सुबह शाम कोलार रोड को हजारों वाहनों की कतारों से मुक्ति मिलेगी। निर्माण पूरा होने पर भोपाल के बाशिंदों की बल्ले बल्ले हो जाएगी।

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