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भव्य महाकाल लोक : पर्यटन उद्योग में होगी वृद्धि


संदीप कुलश्रेष्ठ

          12 ज्योतिर्लिंगों में से एक दक्षिणमुखी महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग का अपना विशेष महत्व है। कालो के काल बाबा महाकाल का महाकालेश्वर मंदिर अब एक नए रूप और भव्यता के साथ दर्शनार्थियों और श्रद्धालुओं के बीच सामने आया है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 11 अक्टूबर को 351 करोड़ की लागत से श्री महाकाल महाराज मंदिर परिसर विस्तार योजना के प्रथम चरण का लोकार्पण कर चुके हैं। इसका नामकरण “महाकाल लोक“ किया गया है। इस भव्य और आकर्षक महाकाल मंदिर के परिसर के विस्तार से निःसंदेह जहाँ श्रद्धालुओं को सुविधाएँ तो मिलेगी ही साथ ही उज्जैन का नाम पर्यटन उद्योग जगत में एक नया मुकाम हासिल कर सकेगा। और इससे पहले से और भी ज्यादा श्रद्धालु आना शुरू होंगे।

856 करोड़ की है पूरी योजना -

             श्री महाकाल महाराज मंदिर परिसर विस्तार योजना की कुल लागत 856 करोड़ रूपए है। इसके प्रथम चरण का काम 351 करोड़ रूपए में हाल ही में पूर्ण हुआ है। प्रथम चरण का निर्माण कार्य मंदिर के पीछे और रूद्र सागर के किनारे पूर्ण हुआ है। प्रथम चरण के निर्माण कार्य के बाद से ही श्रद्धालुओं की भीड़ एकाएक बढ़ गई है। वे प्रथम चरण का कार्य देखकर आत्मविभोर हो रहे है।

काशी विश्वनाथ मंदिर से चार गुना बड़ा -

            महाकाल मंदिर के परिसर के विस्तार के प्रथम चरण के अर्न्तगत जो निर्माण कार्य हुआ है, वह काशी विश्वनाथ मंदिर से क्षेत्रफल में करीब चार गुना बढ़ा है। पहले महाकाल मंदिर परिसर मात्र 2.82 हेक्टेयर में ही था। अब यह बढ़कर 30 हेक्टेयर में हो गया है। कुल 17 हेक्टेयर का रूद्र सागर तालाब का जीर्णोद्धार भी इस परियोजना में शामिल है। इसे भी शामिल कर लिया जाए तो अब यह क्षेत्रफल कुल 47 हेक्टेयर का हो गया है।

प्रथम चरण के कार्य -

            महाकाल मंदिर विस्तार योजना के प्रथम चरण लगभग पूरा महाकाल पर केन्द्रीत है। इस महाकाल लोक में शिव तांडव स्त्रोत, शिव विवाह, महाकालेश्वर वाटिका, महाकालेश्वर मार्ग, शिव अवतार वाटिका, शिव स्तम्भ, सप्तऋषि और पंचमुखी शिव, कमल कुंड, त्रिपुरासुर वध मूर्ति , शिव, पार्वती, गणेश, कार्तिकेय, नवगृह वाटिका, रूद्र सागर तट विकास प्रमुख है। इसके अतिरिक्त दो भव्य द्वार , विभिन्न आकर्षक मूर्तियाँ, मुक्ताकाशी रंगमंच , 900 मीटर लंबा हेरिटेज कॉरिडोर, 108 स्तंभ, शिवपुराण आधारित भित्ति चित्र आदि है। इसमें खास बात यह भी है कि पूरा क्षेत्र 400 किलोवाट क्षमता वाले सौर पैनल से आलौकित है।

परिसर विस्तार का दूसरा चरण -

                  महाकाल मंदिर परिसर विस्तार योजना का दूसरा चरण भी महत्वपूर्ण है। दूसरे चरण के तहत मंदिर के पूर्वी और उत्तरी हिस्से को विस्तार दिया जाएगा। इस चरण में 505 करोड़ रुपए खर्च होंगे। इनमें भी महाराजवाड़ा, महल गेट, हरि फाटक पुल, रामघाट और बेगम बाग सड़क प्रमुख हैं। महाराजवाड़ा की इमारतों को नए सिरे से विकसित कर महाकाल मंदिर परिसर से जोड़ा जाएगा। इसके साथ ही एक हेरिटेज धर्मशाला और कुंभ संग्रहालय का निर्माण भी किया जाएगा। इस चरण में शिखर दर्शन परियोजना के अर्न्तगत बड़े गणेश मंदिर के सामने भव्य और आकर्षक उद्यान का निर्माण किया जाएगा। इसके अतिरिक्त कोटितीर्थ और महाकालेश्वर मंदिर का सौन्दर्यीकरण भी किया जाएगा। दूसरे चरण के अन्तर्गत मुख्य परिसर में रैंप, परिसर की छत पर उद्यान के साथ ही महाकाल संग्रहालय भी बनाया जाएगा।

महाकाल लोक के रखरखाव की जिम्मेदारी तय हो -

            महाकालेश्वर मंदिर के विस्तार के प्रथम चरण का लोकार्पण हो चुका है। अब यहाँ बने विशाल और भव्य मूर्तियों तथा परिसर में निर्मित आकर्षक भित्ति चित्रों आदि का रखरखाव कौन करेगा ? यह स्पष्ट नहीं है। रखरखाव की जिम्मेदारी तय कर शीघ्र संबंधित को आवश्यक निर्देश देने की सख्त जरूरत है। जहाँ मंदिर समिति के जिम्मेदारी है कि इसका सही रखरखाव हो वहीं आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों की भी जवाबदारी है कि वे इसकी स्वच्छता और गरिमा को बनाए रखेंगे।                                

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