वरिष्ठजनों का सिर्फ विज्ञापनों में महिमामंडन..!
श्री श्रीप्रकाश दीक्षित ,संपादक,जनहित मिशन डाट काम
मध्यप्रदेश मे शिवराज सिंह चौहान की सरकार स्वाश्थ्य,शिक्षा,पेयजल,महिला और बाल कल्याण और बुजुर्गों की देखभाल का नगाड़ा खूब पीटती रहती है.अख़बारों और अन्य मीडिया माध्यमों के मार्फ़त आसमानी विज्ञापनबाजी पर बेजा जनधन लुटाया जाता है.पर मैदानी हकीकत इससे एकदम उलट है और बदहाली से हमारा परिचय कराती है.बहुत समय नहीं बीता जब सरकार की कन्या विवाह योजना का पार्टी के ही विधायक उमाकांत शर्मा ने पर्दाफाश किया था और उनके इलाके में उसे लागू करने वाले अफसर को जेल जाना पड़ा है.ऐसी विज्ञापनबाजी प्रदेश के वरिष्ठ नागरिकों के लिए की जाती है पर वास्तविकता कुछ और ही है.
हर साल वृद्धजन दिवस पर एक अक्टूबर को सरकार अख़बारों में बड़ा विज्ञापन प्रकाशित करा उनके मान सम्मान का नगाड़ा पीटती है.जनता को आगाह किया जाता है की उनकी उपेक्षा अपराध है और ऐसा करने पर जेल हो सकती है.इस साल भी विज्ञापन जारी किया गया.नईदुनिया ने विज्ञापन के साथ एक खबर प्रकाशित कर सरकार की नेकनियती की पोल खोल कर रख दी.खबर के अनुसार सरकार ने पांच साल पहले वरिष्ठजन कल्याण आयोग भंग कर उनके लिए कल्याण परिषद का गठन किया जिसकी आज तक एक भी बैठक नहीं हुई है..?
उधर प्रदेश के पेंशनरों को सरकार तरसा तरसा कर डीए देती है.इसके लिए अक्सर छत्तीसगढ़ की सहमति का बहाना बनाया जाता है पर इस बार छत्तीसगढ़ ने बिना मध्यप्रदेश की सहमति के डीए देकर शिवराज सरकार की खूब किरकिरी की है..!इसके विपरीत पूर्व विधायकों की पेंशन सुविधा में कोई कमी नहीं है.उन्हें 20 हजार पेंशन मिलती है.पहले कार्यकाल के बाद यह हर साल 9,600 रुपए बढ़ जाती है.उन्हें हर महीने 15 हजार मेडिकल भत्ता और मुफ्त यात्रा की सुविधा भी मिलती हैं ।
...000...