top header advertisement
Home - आपका ब्लॉग << रेडियो दस्तक 90.8 FM के खास कार्यक्रम एक हस्ती से मुलाकात में 13 वर्षीय हस्ती से विशेष चर्चा

रेडियो दस्तक 90.8 FM के खास कार्यक्रम एक हस्ती से मुलाकात में 13 वर्षीय हस्ती से विशेष चर्चा


मरने के बाद भी जीवित रहने के लिए या तो पढ़ने लायक कुछ लिख दीजिए या लिखने लायक कुछ कर दीजिए- कुमारी भाविका माहेश्वरी

डॉ. विनोद वैरागी

उज्जैन - रेडियो दस्तक के खास कार्यक्रम एक हस्ती से मुलाकात में इस बार कु. भाविका माहेश्वरी से श्रोताओं को रूबरू कराया गया । सूरत ( गुजरात ) से 13 वर्षीय कुमारी भाविका माहेश्वरी जो कि मोटिवेशनल स्पीकर और स्प्रिचुअल ऑरेटर और ऑथर हैं और इन्होंने महामहिम राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू पर भी एक किताब लिखी है। और इन्होंने रामकथा करके 52 लाख रुपए जुटाए और उसे राम मंदिर में दान किया। साथ ही भाविका  का नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी दर्ज है। 
                भाविका माहेश्वरी से रेडियो दस्तक की संचालिका श्रीमती अमृता कुलश्रेष्ठ ने चर्चा की और उनके जीवन के बारे में जाना। इसी कड़ी में कुमारी भाविका ने रेडियो दस्तक का सर्वप्रथम धन्यवाद किया जिसकी वजह से वह अपने विचार सभी तक पहुंचा सकी।
13 वर्ष की उम्र में इतनी सारी उपलब्धियां पाने का जब कारण भाविका से पूछा गया तो उन्होंने अपने माता-पिता ,दादा-दादी और नाना-नानी को इन उपलब्धियों का प्रेरणा स्रोत बताया। 
                 कार्यक्रम के दौरान स्पिरिचुअलिटी का महत्व बताते हुए उन्होंने कहा कि वर्तमान में यह शब्द सुनते ही लोगों के दिमाग में संत, महात्मा और तपस्वी का विचार आता है । पर स्पिरिचुअलिटी का मतलब यह बिल्कुल भी नहीं है इसका मतलब यह है कि आप किसी भी काम को अपनी स्प्रिट से कर रहे हैं और आपको भगवान पर भरोसा है तो आप स्प्रिचुअल हैं। हम जो भी कार्य कर रहे हैं उसमें अपना 100 प्रतिशत देंगे और भगवान के प्रति भरोसा रखेंगे। 
अपने कार्य में परिवार के साथ पर उन्होंने कहा कि मेरी पूरी फैमिली ने मुझे बहुत ही सपोर्ट किया है और यदि आपका परिवार आपके साथ है तो आप कुछ भी कर सकते हैं। 
                भाविका माहेश्वरी ने महेश 15 दिन में हमारे देश की  महामहिम राष्ट्रपति द्रोपति मुर्मू पर किताब लिखी जिसके लिए उन्हें कई जगह सम्मानित किया गया और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से भी मुलाकात करने का अवसर मिला। 
              कार्यक्रम के अंत में उन्होंने श्रोताओं को संदेश दिया कि मोबाइल का उपयोग कम करना चाहिए और हमारे काम पर फोकस होना चाहिए। हर कार्य को 100 प्रतिशत देकर करना चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि हम चाहते हैं कि मरने के बाद भी लोग हमें याद करें तो हमें या तो पढ़ने लायक कुछ लिख देना चाहिए या लिखने लायक कुछ कर देना चाहिए।

             कार्यक्रम का प्रसारण 17 सितंबर शनिवार को शाम 5:30 बजे और पुनः प्रसारण 18 सितंबर रविवार को प्रातः 10:30 बजे किया गया कार्यक्रम को फेसबुक लाइक पर भी प्रसारित किया गया।

                                                  ...000...

Leave a reply