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303 करोड़ का तालाब फूटा : किसानों की बर्बाद फसल का मुआवजा कब ?


 संदीप कुलश्रेष्ठ
              पिछले दिनों मध्यप्रदेश में घनघौर बारिश हुई। इसमें धार जिले का 303 करोड़ रूपये की लागत का कारम डैम फूट गया। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश पर कारम डैम एकाएक नहीं फूटे, इसके लिए अनेक जतन किए गए। किन्तु इंजीनियरों और अधिकारियों की मिलीभगत का तालाब आखिरकार फूट ही गया। हांलाकि कोई जनहानि नहीं हुई। यह अच्छी बात रही। किन्तु तालाब के फूटने से पानी के बहाव क्षेत्र में लगभग दो दर्जन से अधिक ग्रामों के किसानों की फसल बर्बाद हो गई। खेत की सारी उपजाऊ मिट्टी बह गई। खेत सिर्फ कंकर पत्थरों में बदल गए। अब यह खेत, खेत नहीं रहे कि यहाँ भविष्य में फसल ली जा सके। 
8 इंजीनियर निलंबित -           
              मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने तालाब फूटने के करीब दो सप्ताह बाद जल संसाधन विभाग के मुख्य अभियंता के साथ ही 8 इंजीनियर को निलंबित कर दिया। ये बिना योजना के काम कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने प्रांरभिक जाँच रिपोर्ट के आधार पर यह कार्रवाई की है। इसमें कहा गया है कि इंजीनियरों ने योजनाबद्ध तरीके से काम नहीं किया। पानी के प्रवाह को भी रोक दिया गया। निलंबित होने वालों में मुख्य अभियंता सी.एस घटोले, अधीक्षण यंत्री पी. जोशी, कार्यपालन यंत्री बी.एल निनामा, एसडीओ वकार अहमद सिद्दीकी के साथ 4 उपयंत्री विजय कुमार जत्थाप, अशोक कुमार राम, दशावंता सिसौदिया और आर.के श्रीवास्तव शामिल है। पूर्व में डैम निर्माण से जुड़ी 2 कंपनियों को ब्लैक लिस्टेड किया जा चुका है। 
खेत बने उजड़ -
                  कारम डैम के फूटने से बहाव क्षेत्र के दो जिलों के करीब दो दर्जन से अधिक गाँवों के किसानों पर वज्रपात सा हो गया। सैकड़ों किसानों के खेत में खड़ी फसल नष्ट हो गई। इससे भी बड़ा नुकसान यह हुआ कि खेत की सारी उपजाऊ मिट्टी तेज बहाव में बह गई और खेत उजड़ हो गए। अब इन खेतों में भविष्य में कोई फसल नहीं बोई जा सकेगी।
पीड़ित किसानों को मिले मुआवजा -
                     कारम डैम के फूटने से दो जिलों के सैकड़ों किसानों के खेत बर्बाद हो गए। खड़ी फसल नष्ट होने से इनकी भरपाई राज्य सरकार को करनी चाहिए। इसके साथ ही कृषि वैज्ञानिकों को यहाँ भेजकर अब उजड़ हो चुके खेतों को कैसे और किस प्रकार उपजाऊ बनाया जा सकता है ? इस पर उनकी विशेषज्ञ राय के अनुसार राज्य सरकार को युद्ध स्तर और प्राथमिकता के आधार पर कार्य करना चाहिए।  
अन्य तालाबों का भी हो निरीक्षण -
                       पिछले दिनों हुई तेज बारिश में धार जिले का कारम डैम ही नहीं फूटा, बल्कि और भी अनेक छोटे-बड़े तालाब फूटे। इसके साथ ही मध्यप्रदेश के अनेक बड़े बांध तेज बारिश में पूरे भर गए और उन बड़े तालाबों का पानी निकालने के लिए अनेक गेट खोलने पड़े। इससे भी किसानों की खड़ी फसल नष्ट हुई। राज्य सरकार को पूरे प्रदेश में सर्वे दल भेजकर पीड़ित किसानों को मुआवजा देना चाहिए। इसके साथ ही प्रदेश के सभी तालाबों का निरीक्षण करने के लिए विशेषज्ञ दलों को भेजना चाहिए ताकि कारम डैम जैसे हालात उन तालाबों के नहीं हो पाए। कारण यह है कि अभी भादौ माह में अनेक दिन बचे हैं, जिसमें तेज बारिश हो सकती है। इसलिए ऐहतियात के तौर पर सभी तालाबों के निरीक्षण के लिए विशेषज्ञ भेजे जाने चाहिए। 
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