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मास्टर प्लान-2035 मंत्री से मिल आए, मुख्यमंत्री तारीफ कर गए, सांसद-मंत्री सहमत फिर भी हुआ कुछ नहीं


कीर्ति राणा, वरिष्ठ पत्रकार 

*बहुत हुए आश्वासन और मेल-मुलाकात, अब जो करना होगा इंदौर के लोगों को साथ लेकर करेंगे *
कीर्ति राणा इंदौर।अब इंदौर उत्थान अभियान समिति को भय सताने लगा है कि ऐसा न हो कि वो मुख्यमंत्री-सांसद-मंत्री की बातों पर भरोसा कर इंतजार करते रहें और उन्हें विश्वास में लिए बगैर चतुर अधिकारी अपने मन मुताबिक इंदौर का मास्टर प्लान-2035 घोषित कर दे।फिर उनके लिए लकीर पीटने के अलावा कुछ नहीं बचेगा।
                 ऐसी तमाम आशंकाओं पर अभियान समिति के सदस्यों ने चर्चा तो की ही इस बात पर भी सर्व सम्मति बनी कि अब रेसीडेंसी से लेकर भोपाल की दौड़ लगाने की अपेक्षा इंदौर के आमजन को विश्वास में लेकर मास्टर प्लान के लिए सरकार और अधिकारियों को मैदानी एकजुटता दिखाएंगे।शहर की एकजुटता से जब नर्मदा इंदौर आ सकती है तो इंदौर की जरूरतों के मुताबिक मास्टर प्लान बनाने के लिए सरकार को भी बाध्य किया जा सकता है।
*भूपेंद्र सिंह तो इंदौर आना ही भूल गए…*
               नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह से मुलाकात का समय लेकर भोपाल गए। उन्होंने मास्टर प्लान को लेकर समिति के सुझावों को समझा भी सही और वादा किया इंदौर आएंगे, विभागीय अधिकारियों को साथ बैठाएंगे और आप सब के सुझाव मुताबिक काम करने के निर्देश देंगे।मंत्री को तो याद भी नहीं कि कभी इंदौर के वरिष्ठ नागरिकों से ऐसा कोई वादा भी किया था।
*तारीफ के मामले में कंजूसी नहीं करते मुख्यमंत्री *
                    इंदौर आए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से भी इंदौर उत्थान अभियान समिति के सदस्य मिल चुके हैं। समिति सदस्यों की शहर विकास की चिंता को लेकर मुख्यमंत्री चौहान ने मंच से तारीफ के इतने पुल बांधे कि समिति सदस्यों ने सपना देख लिया था कि बस कल अधिकारियों के साथ बैठक हो ही जाएगी।सदस्यों को यह याद नहीं रहा कि मुख्यमंत्री तारीफ करने में जरा भी कंजूसी नहीं करते।नतीजा यही कि आज तक मुख्यमंत्री की बातों पर प्रशासन ने अपनी सक्रियता नहीं दिखाई है।
*सांसद और सिलावट ने कभी निराश नहीं किया*
                  समिति के सदस्य जाने कितनी बार सांसद शंकर लालवानी से लेकर जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट से मिल चुके हैं।सांसद और सिलावट ने भी हर बार यही विश्वास दिलाया कि आप लोगों के सुझाव मुताबिक ही शहर का मास्टर प्लान तय होगा। आप की भावना मुख्यमंत्री को भी बता दी है। इन दोनों के वादों से भरोसा इसलिए उठने लगा है कि अब तक संबंधित विभागों ने एक बार भी समिति के सदस्यों से संपर्क नहीं किया है।
*विजयवर्गीय ने तो सबकी सुनी लेकिन उनके सुझाव पर समिति ने भी सजगता नहीं दिखाई*
                भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ही एकमात्र ऐसे जनप्रतिनिधि साबित हुए जिन्होंने रेसीडेंसी के सभाकक्ष में आयोजित बैठक में सदस्यों को सुना, पॉइंट भी नोट किए।ज्ञापन पढ़ा और आश्वस्त किया कि मुख्यमंत्री को अवगत कराएंगे। विजयवर्गीय ने सुझाव दिया था कि समिति एक महा बैठक आयोजित करे और तमाम सामाजिक-राजनीतिक-सांस्कृतिक संगठनों के साथ भविष्य के इंदौर को लेकर चिंतित रहने वालों के सुझाव जाने, हर विषय के विशेषज्ञ के सुझाव मुताबिक दस-दस मिनट के प्रेजेंटेशन तैयार करे और जब मास्टर प्लान को लेकर मुख्यमंत्री-अधिकारियों-समिति सदस्यों की त्रिपक्षीय निर्णायक बैठक हो तो विषयवार ये सारे प्रेजेंटेशन दिखाए ताकि मजबूती से पक्ष रखा जा सके। विजयवर्गीय के इस सुझाव पर समिति को भी अब तक पहल करने की फुरसत नहीं मिली है।
*इस बारिश में गुजरात और मुंबई के हाल देख लिए, वहां के मास्टर प्लान की नकल नहीं चाहिए *
                   इंदौर उत्थान अभियान के अध्यक्ष अजित सिंह नारंग सहित अन्य सदस्यों ने बारिश के इस मौसम में गुजरात और मुंबई में बनी बुरी स्थिति का जिक्र करते हुए कहा इंदौर का मास्टर प्लान इंदौर के नागरिकों के मुताबिक बनाया जाना चाहिए। गुजरात, मुंबई या अन्य किसी महानगर के मास्टर प्लान की नकल को नहीं थोपा जाए। नारंग का कहना था 2035 में इंदौर की आबादी 50 लाख और 2050 तक एक करोड़ हो जाएगी। भविष्य के इस इंदौर को देखते हुए अभी से मेट्रो, बीआरटीएस, पेयजल प्रबंध, लोक परिवहन के साधन, सेटेलाइट टाउन, हॉकर्स जोन आदि के विषय में प्लानिंग जरूरी है। भविष्य का इंदौर धार, उज्जैन तक विस्तारित होने के बाद भी फ्लोटिंग पापुलेशन का दबाव इंदौर पर ही रहना है, ऐसी स्थिति में यह भी जरूरी है कि सड़के, फ्लायओवर आदि के साथ ही लोक परिवहन के साधन इतने सुगम हों कि जितनी दूरी इंदौर के आसपास के शहरों की है उतनी अवधि में वहां से आने वाले, काम निपटा कर वापस जा सकें।पर्यावरण, अर्थ व्यवस्था, ट्रैफिक, टाउन प्लानिंग, इंदौर के भू विज्ञान-बनावट-बसाहट से परिचित शहर के विषय विशेषज्ञों के सुझाव मास्टर प्लान में शामिल किए जाएं।आज से दशकों पूर्व निर्मित सात मंजिला (एमवाय) अस्पताल का निर्माण, इंदौर में ट्रेन सुविधा शुरु करते वक्त आज के विकसित इंदौर को ध्यान में रख कर ही की गई थी।
अब तेजी लाने पर बनी सहमति
                    अभियान से जुड़े अशोक बड़जात्या के ऑफिस में मंगलवार की शाम हुई बैठक में सभी सामाजिक संगठन और अन्य प्रबुद्धजन शामिल हुए। इस बैठक का उद्देश्य अब इस अभियान में तेजी लाने का एवं सरकार से वार्तालाप तेज करने का था। सदस्यों ने सर्व सम्मति से माना कि अब इस अभियान को गति देने पड़ेगी अन्यथा किसी दिन अचानक से बिना जनता की राय लिए कोई मास्टर प्लान थोप दिया जाएगा, ऐसी आशंका से इंकार नही किया जा सकता। 

इस बैठक की अध्यक्षता दिनेश गुप्ता ने की।
                  बैठक में प्रीतमलाल दुआ, वीके जैन,गौतम कोठारी, गोविंद मालू, राजेश अग्रवाल,महेश राजवेद्य, श्रीनिवास कुटुंबले,वीके गुप्ता, शंकर गर्ग, अशोक कोठारी, सुनील माकोड़े, सुरेश उपाध्याय, एएस पाल, वीके जैन, जीएन शर्मा, अजीतसिंह नारंग, शिवाजी मोहिते, यशवर्धन सिंह आदि शामिल हुए।

 

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                          *कीर्ति राणा   :  परिचय* 

                पिछले चार दशक से भी अधिक समय से पत्रकारिता में सक्रिय कीर्ति राणा देश की हिंदी पत्रकारिता का जाना-पहचाना नाम है। दैनिक भास्कर ग्रुप के विभिन्न संस्करणों के साथ ही दैनिक अवंतिका और दबंग दुनिया समूह के विभिन्न संस्करणों में संपादक रह चुके कीर्ति राणा इन दिनों दैनिक प्रजातंत्र (इंदौर) से जुड़े हुए हैं।वे इंदौर प्रेस क्लब के महासचिव सहित विभिन्न पदों पर रहे हैं। 1996 में इंदौर में एक कैदी को दी गई फांसी के लाइव कवरेज पर अनेक संस्थाओं द्वारा सम्मान के साथ ही उन्हें इंदौर प्रेस क्लब लाइफ टाइम अचिवमेंट अवार्ड से सम्मानित कर चुका है।इन दिनों वे  पत्रकारिता के दीर्घ अनुभवों आधारित “मेरी पत्रकारिता” सीरिज लिख रहे हैं जो सोशल मीडिया पर खूब चर्चित है। मध्य प्रदेश सरकार के जनसंपर्क विभाग द्वारा पत्रकारों के हितार्थ गठित विभिन्न समितियों में वर्षों रहे कीर्ति राणा मप्र सरकार के राज्यस्तरीय राहुल बारपुते स्मृति सम्मान के साथ ही देश के विभिन्न संगठनों द्वारा सम्मानित किए जा चुके हैं।  

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