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बूस्टर डोज लगाने के लिए टीकाकरण केन्द्र बढ़ाना है जरूरी


 डॉ. चन्दर सोनाने
                        मोदी सरकार ने देश के 18 वर्ष से अधिक सभी उम्र के लोगों को 15 जुलाई से कोरोना वैक्सीन की बूस्टर डोज निःशुल्क लगाना शुरू कर दिया है। आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष के अर्न्तगत सरकारी टीकाकरण केन्द्रों पर 75 दिनों तक अर्थात् 27 सितम्बर तक निःशुल्क टीके लगाने की सुविधा उपलब्ध रहेगी। हमारे देश में इसी वर्ष 10 जनवरी 2022 से बूस्टर डोज लगने की शुरूआत हुई थी। अभी तक स्वास्थ्यकर्मियों, फ्रन्टलाईन कार्यकर्ताओं, आवश्यक सेवाकर्मियों तथा 50 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्गों को बूस्टर डोज लग पाए थे। मोदी सरकार द्वारा सभी बालिगों को निःशुल्क बूस्टर डोज लगाने का निर्णय बहुत देर से लिया गया, किन्तु उनका यह निर्णय सही निर्णय है। 
                      भारत कोरोना महामारी का मुकाबला करने में विश्व के अन्य देशों से अक्सर पीछे ही रहा है। विश्व के 11 देशों ने दिसम्बर 2020 में ही टीकाकरण शुरू कर दिया था। इसमें से ब्रिटेन ने 7 दिसम्बर , अमेरिका और कनाडा ने 14 दिसम्बर से ही अपने-अपने देशों में कोरोना महामारी से बचाव के लिए निःशुल्क टीके लगाने शुरू कर दिए थे। हमारे देश में पहले चरण के अर्न्तगत 16 जनवरी 2021 से टीकाकरण की शुरूआत की गई। दिल्ली के एम्स के सफाईकर्मी मनीष कुमार को पहला टीका लगाया गया। इसमें भी सबसे पहले स्वास्थ्यकर्मियों, फ्रन्टलाईन पर काम रहे कार्यकर्ताओं और आवश्यक सेवा देने वाले कर्मियों को शामिल किया गया था। 
                      भारत में दूसरे चरण के अर्न्तगत 1 मार्च 2021 से टीकाकरण श्ुरू हुआ। इसमें 60 साल से ज्यादा उम्र वाले और गंभीर बीमारी से जूझ रहे 45 साल से अधिक उम्र के व्यक्तियों को भी शामिल किया गया। किन्तु इसमें ऑलनाइन रजिस्ट्रेशन आवश्यक कर दिया गया। इसी कारण से टीका लगवाने वाले व्यक्तियों को विशेषकर ग्रामीण अंचल के लोगों को बहुत परेशानी हुई और वे टीका लगाने में सबसे पीछे रहने लगे। इससे देश में टीकाकरण की गति बहुत धीमी हो गई।
भारत में टीकाकरण का तीसरा चरण 1 अपै्रल 2021 से शुरू किया गया। इसमें गलती को सुधारा गया और ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के साथ ही ऑफलाइन वाले को भी अपने साथ आने की सुविधा दी गई। इसमें 45 साल से अधिक उम्र के सभी लोगों को टीका लगाने की सुविधा मिलने लगी। इसके बाद 1 मई 2021 से 18 वर्ष से अधिक उम्र के सभी लोगों को टीकाकरण की निःशुल्क सुविधा देने की शुरूआत की गई। हमारे देश में कोरोना टीके के दूसरे डोज की शुरूआत 13 फरवरी 2021 से की गई, जबकि दूसरे देशों में बहुत पहले से यह सुविधा शुरू कर दी कई थी। इसी प्रकार भारत में 10 जनवरी 2022 से बूस्टर डोज लगने की शुरूआत हुई। इसी के साथ पहली बार 18 साल से कम उम्र के बच्चों को यानी 15-18 साल के उम्र के किशोरों को भी टीका लगाना शुरू किया गया। इसमें भी हम पिछड़ गए। विश्व के अनेक देशों में यह सुविधा बहुत पहले से शुरू हो गई थी। 
                     हमारे देश में 10 जनवरी 2022 से बूस्टर डोज लगने की शुरूआत हुई। इस तारीख तक ब्रिटेन में 53.7 प्रतिशत, इटली में 42.4 प्रतिशत, जर्मनी में 47.2 प्रतिशत, अमेरिका में 25.3 प्रतिशत और चीन में 22.7 प्रतिशत आबादी को बूस्टर डोज लग चुके थे। अब छः महीने बाद 12 जुलाई तक हमारे देश में मात्र 3.7 प्रतिशत लोगों को ही बूस्टर डोज लग पाई है। यह अत्यन्त दुःखद है, जबकि विश्व के अन्य देश इन छः  महीनों में बहुत आगे निकल चुके हैं। दुनिया में सबसे धीमी रफ्तार हमारी ही है। हमारे देश में 92 करोड़ लागों को दोनों डोज लग चुकी है। किन्तु उनमें से सिर्फ 5.4 प्रतिशत लोगों को ही बूस्टर डोज लग पाई है। हमें यह ध्यान रखना होगा कि विश्व और भारत में अभी कोरोना महामारी का प्रकोप खत्म नहीं हुआ है। यह केन्द्र सरकार और हम सबको समझना होगा। देर से ही सही, किन्तु केन्द्र सरकार ने सही निर्णय लिया है कि अब सभी बालिगों को बूस्टर डोज निःशुल्क लग सकेंगे। अब जरूरत सिर्फ इस बात की है कि बहुत कम हो चुके सरकारी टीकाकरण केन्द्रों की संख्या बढ़ाई जाए, ताकि दोनां डोज लगवा चुके लोगों को भी बूस्टर डोज लग सके और वे कोरोना महामारी से लड़ने की शक्ति अर्जित कर सके। इसी के साथ जो जहाँ है, वहीं टीका की भी श्ुरूआत की जाने की जरूरत है।
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