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अब इस देश में मुस्लिम होना क्या गुनाह है ?


      डॉ. चन्दर सोनाने
                 मध्यप्रदेश के नीमच जिले के मनासा में एक बुजुर्ग भंवरलाल चत्तर (जैन) नाम के एक व्यक्ति को पिछले दिनों भाजपा नेता दिनेश कुशवाह यह कहकर लगातार चांटे मारता हुआ उससे यह उगलाना चाहता है कि वह मोहम्मद है ? मोहम्मद यानी मुस्लिम ! क्या अब इस देश में मुस्लिम होना गुनाह हो गया है ? भाजपा के नेता दिनेश कुशवाह को किसने यह अधिकार दे दिया है कि वह एक बुजुर्ग को इतना मारे कि उसकी मौत ही हो जाए ! और उसे मारा भी इसलिए जा रहा है कि वह मुस्लिम है ? विभिन्न धर्मो में सम भाव रखने वाले इस देश में यह हो क्या रहा है ? 
                पिछले दिनों हुई इस घटना के बारे में यह पता चला है कि मनासा के बुजुर्ग भंवरलाल जैन रतलाम जिले के सरसी गाँव के निवासी थे । वे अपने परिवार के साथ एक धार्मिक कार्यक्रम में सम्मिलित होने के लिए चित्तौड़गढ़ गए थे। किन्तु मंद बुद्धि के होने के कारण श्री भंवरलाल वहाँ से अचानक कहीं चले गए थे। इसी बीच पिछले दिनों मनासा में उनका शव मिलने से उनके परिवारजनों ने उनकी हत्या होने की आशंका जताई है ! सोशल मीडिया पर पिछले दिनों एक वीडियो तेजी से वायरल हुआ था, जिसमें मनासा के भाजपा नेता दिनेश कुशवाह उस बुजुर्ग भंवरलाल के साथ मारपीट करते हुए दिखाई दे रहा है और उससे बार-बार यह पूछता है कि तेरा नाम मोहम्मद है क्या ? इसी के साथ वो बुजुर्ग से आधार कार्ड दिखाने का भी कहता जाता है और बेरहमी से चाँटे भी मारता जाता है !
               इस घटना का मजेदार पहलू यह भी है कि आरोपी ने ही एक नाबालिक से यह वीडियो बनवाया था। उसे पुलिस और कानून का कोई डर ही नहीं है ! क्योंकि वह भाजपा का एक नेता था ! जिस पार्टी की राज्य और केन्द्र में सत्ता हो, उस पार्टी के एक अदने से कार्यकर्ता कि हिम्मत देखिये ? उसे किसी का खौफ नहीं है ? उसने वीडियो बनाया ही इसलिए था कि वह अपने बहादुरभरे कारनामे के माध्यम से सभी को यह बता सके और उसके कारनामे के कारण उसे पार्टी में अच्छा पद भी मिल सके ? यानी किसी एक बेकसूर मुस्लिम को बेवजह मारकर सत्ताधारी पार्टी से कुछ प्राप्त करने की लालसा व्यक्ति को कितना नीचे गिरा देती है ! भाजपा नेता का उस बुजुर्ग को मारते हुए देखना हर एक संवेदनशील व्यक्ति की रूह को कंपा देता है ! ऐसा अक्षम्य अपराध करने कि प्ररेणा उसे कहाँ से मिलती है ? यहाँ यह प्रश्न सहज उत्पन्न होता है ! और यह एक चिंतनीय ओैर विचारणीय मुद्दा भी है !
                 भाजपा नेता द्वारा किए गए इस अपराधभरे कारनामे का देशभर में वीडियो वायरल होने के बाद और भंवरलाल का शव मिल जाने के पश्चात अगले दिन प्रिन्ट मीडिया और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में भी यह समाचार आ जाने से राज्य सरकार में हडकंप मच गया! इस कारण आरोपी का मकान तोड़ने बुलडोजर को भी भेज दिया गया, किन्तु तभी बुलडोजर रूक गया ! क्योंकि आरोपी भाजपा नेता था ! इस कारण मकान के कागजातों की जाँच की गई ! मकान आरोपी के पिता के नाम होने के कारण बुलडोजर बिना मकान को ढहाए लौट गया ! यहाँ फिर एक प्रश्न उत्पन्न होता है कि आरोपी के भाजपा के नेता के कारण उसका घर तो नहीं तोड़ा गया, किन्तु यह बात पिछले दिनों खरगोन में हुए दंगों में नहीं देखी गई ! वहाँ अनेक मुस्लिम आरोपियों के मकान बुलडोजर से ढहा दिये गए ! किसी ने किसी के मकान के कागजात देखने का कष्ट ही नहीं उठाया ! बाद में पता चला कि जिस आरोपी को गिरफ्तार किया गया था, उसके नाम वह मकान था ही नहीं, जिसे बुलडोजर से तोड़ दिया गया ! खरगोन की घटना और मनासा की घटना में स्पष्ट रूप से भेदभाव दिखाई देता है ! 
                  भारत के संविधान में हर एक को भारत में कहीं पर भी रहने , व्यवसाय और नौकरी आदि करने के मूलभूत अधिकार हैं। संविधान में किसी से भी धर्म, जाति, सम्प्रदाय के आधार पर भेदभाव नहीं किये जाने का उल्लेख है। प्रदेश के मुख्यमंत्री हो या देश का प्रधानमंत्री ! सब शपथ लेते समय किसी से कोई भेदभाव नहीं करने की शपथ लेते हैं और निष्पक्ष रहने की भी शपथ लेते है। किन्तु वास्तव में आज देश में हो क्या रहा है ? जो हो रहा है वह अत्यन्त दुर्भाग्यपूर्ण है और संविधान के विपरीत है ! तो भी यह सब हो रहा है ओैर उसे कोई रोक भी नहीं रहा है ! 
                   हाल ही में नार्काटिक्स कन्ट्रोल ब्यूरो ( एनसीबी ) ने शाहरूख खान के बेटे आर्यन खान को क्लीन चीट दे दी है। पिछले साल सुर्खियों में क्रूज ड्रग्स मामले में एनसीबी ने आर्यन खान को गिरफ्तार किया था और उसे बेकसूर होने के बावजूद करीब एक महीने जेल में रखा था ! एनसीबी ने हाल ही में विशेष एनडीपीएस कोर्ट में आरोप पेश किया। इसमें आर्यन सहित 6 लोगों के नाम नहीं है। इस प्रकरण में यह भी बताया जा रहा है कि आर्यन खान को गिरफ्तार करने वाले वानखेड़े ने आर्यन खान को जबरस्ती फंसाया था। केन्द्र ने इस प्रकरण में वानखेड़े के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दे दिए है। उस समय इस प्रकरण में यह बात भी आई थी कि मुस्लिम होने के कारण ही शाहरूख खान के बेटे को उक्त प्रकरण में जानबूझकर बदनाम करने के लिए फंसाया गया था। अब खुद एनसीबी ने ही आर्यन खान को क्लीन चीट दे दी है ! तो सहज यह प्रश्न उत्पन्न होता है कि आर्यन खान को करीब एक महीने जेल में रखने के लिए दोषी को क्या सजा मिलेगी ?
                     मनासा में पिछले दिनों हुई इस घटना की जितनी भी निंदा की जाए कम है ! ऐसे घृणित और अमानवीय कृत्य करने वाले व्यक्ति को भले ही वह किसी भी दल से संबंधित हो, उसके विरूद्ध सख्त कार्रवाई की ही जाना चाहिए ! ऐसे दरिन्दों की कोई जाति, कोई धर्म और कोई ईमान नहीं होता ! इसलिए राज्य सरकार और केन्द्र सरकार का यह दायित्व बनता है कि वह ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं में लिप्त व्यक्ति के विरूद्ध इतनी सख्त कार्रवाई करें कि कोई दूसरा ऐसा करने के पहले दस बार सोचें और उसे कानून का डर भी हो, तभी आम लोगों का कानून पर विश्वास भी बढ़ेगा। 
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