750 करोड़ रूपए की लागत से किया जा रहा है महाकाल परिसर का निर्माण
संदीप कुलश्रेष्ठ
देश के प्रसिद्ध 12 ज्योर्तिलिंगों में से एक उज्जैन के सुप्रसिद्ध दक्षिणमुखी महाकालेश्वर मंदिर के परिसर का कायाकल्प तेजी से हो रहा है। करीब 750 करोड़ रूपए की लागत से इस भव्य कॉरिडोर का निर्माण किया जा रहा है। अभी तक इसमें से करीब 400 करोड़ रूपए की राशि खर्च भी हो चुकी है। इस परिसर के प्रथम चरण का लोकार्पण करने देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जून महीने के दूसरे सप्ताह में उज्जैन आने वाले हैं।
काशी विश्वनाथ परिसर से चार गुना बड़ा होगा महाकाल मंदिर परिसर -
देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने पिछले दिनों काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर का लोकार्पण किया था। इसकी चर्चा देशभर में खूब हुई। उसी की तर्ज पर उज्जैन के महाकाल मंदिर परिसर का भी विकास और विस्तार किया जा रहा है। किन्तु यहाँ खास बात यह है कि काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर से उज्जैन महाकाल मंदिर का परिसर करीब 4 गुना बड़ा होगा।
भगवान शिव के 190 रूपों के होंगे दर्शन -
महाकाल कॉरिडोर अत्यन्त भव्य होगा। इस परिसर में भगवान शिव के दस-बीस नहीं, बल्कि एक साथ 190 रूपों के दर्शन होंगे। यह परिसर काशी विश्वनाथ मंदिर से कई गुना बड़ा होगा। इसकी भव्यता इस रूप में उल्लेखनीय है कि काशी विश्वनाथ मंदिर का परिसर करीब 5 हेक्टेयर में फैला है और उज्जैन के महाकाल मंदिर परिसर का उससे चार गुना ज्यादा 20 हेक्टेयर क्षेत्र में निर्माण किया जा रहा है। इस मंदिर परिसर के निर्माण में शिव विवाह और अन्य प्रसंगों को जहाँ बड़ी खूबसूरती से तराशा गया है, वहीं शिव तांडव आदि को भी भव्यता के साथ में प्रदर्शित किया गया है।
महाकाल मंदिर का परिसर 10 गुना बढ़ जायेगा -
उज्जैन का महाकाल मंदिर वर्तमान में लगभग 2 हेक्टेयर में फैला हुआ है। इस परिसर का विस्तार 10 गुना अधिक किया जा रहा है। अर्थात महाकालेश्वर मंदिर का परिसर बढ़कर अब 20 हेक्टेयर हो जाएगा। महाकालेश्वर मंदिर का प्रवेश द्वार भी काफी बढ़ा और भव्य बनाया जा रहा है। इस मंदिर परिसर की भव्यता अब इतनी बढ़ जाएगी कि इसे अच्छी तरह देखने के लिए 4 से 6 घंटे का समय लगेगा।
रूद्र सागर का जीर्णोद्धार -
महाकालेश्वर मंदिर परिसर के विकास कार्य के अर्न्तगत पौराणिक रूद्र सागर को भी शामिल किया गया है। इस रूद्र सागर में हमेशा साफ पानी भरे रहने का भी बंदोबस्त किया जा रहा है। रूद्र सागर के किनारे घाट भी बनाया जा रहा है। जहाँ बैठकर दर्शनार्थी रूद्र सागर के नजारे भी देख सकेंगे।
दूर-दूर से आयेंगे दर्शनार्थी-
उत्तरप्रदेश के काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर का हाल ही में लोकार्पण किया गया है। इस मंदिर परिसर के विकास और विस्तार कार्य ने देशभर का ध्यान अपनी ओर खींचा है। काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर की तरह ही उज्जैन के महाकाल मंदिर परिसर का विकास और विस्तार कार्य किया जा रहा है। यह मंदिर परिसर दो चरणों में बनाया जा रहा है। इसका प्रथम चरण का काम लगभग पूर्णता की ओर है। इस प्रथम चरण का ही लोकार्पण करने प्रधानमंत्री उज्जैन आने वाले हैं। काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर करीब 300 मीटर क्षेत्र में बना है, जबकि महाकाल मंदिर का परिसर करीब 900 मीटर क्षेत्र में बनाया जा रहा है। अर्थात काशी विश्वनाथ परिसर से करीब 3 गुना लम्बा यह परिसर होगा।
दर्शनार्थियों के लिए होगी सुविधाओं में वृद्धि -
देश विदेश से महाकालेश्वर मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं के लिए अब महाकाल मंदिर परिसर और भी अधिक सुविधाओं वाला होगा। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए अनेक निर्माण कार्य किए जा रहे हैं। इसमें प्रमुख है -भव्य नंदी द्वार, सुंदर कमल कुंड, शिव स्तंभ और सप्त ऋषि प्लाजा, मुक्ताकाशी रंगमंच, त्रिपुरासुर वध, नवगृह वाटिका, फसाड लाईटिंग, महाकाल पथ एवं रूद्र सागर तट, शिवपुराण आधारित भित्ति चित्र, प्रवचन हॉल, फैसिलिटी सेंटर, अन्न क्षेत्र, पार्किंग स्थल आदि। एक तरह से महाकाल मंदिर में आने वाले दर्शनार्थियों और श्रद्धालुओं के लिए यह मंदिर परिसर एक बड़ा सौगात सिद्ध होने जा रहा है।
’’’ ’’’ ’’’