श्रीराम ताम्रकर ने लिखा : हिंदी सिनेमा: इनसायक्लोपीडिया, मुंबई में हुआ विमोचन *उनकी अंतिम इच्छा निधन के साढ़े सात साल बाद पूरी हुई *
कीर्ति राणा, वरिष्ठ पत्रकार
इंदौर। फिल्म समीक्षक-लेखक-पत्रकार श्रीराम ताम्रकर का अकस्मात निधन होने से उनकी अंतिम इच्छा करीब साढ़े सात साल बाद 13 मई को पूरी हो सकी है।वो हिंदी सिनेमा की समग्र जानकारीआधारित इनसायक्लोपीडिया सितंबर 2014 में लगभग पूर्ण कर चुके थे। प्रकाशन की तैयारी चल रही थी कि उसी साल दिसंबर में उनका अकस्मात निधन हो गया।अब इस ग्रंथ का मुंबई में गुजरे जमाने की सुप्रसिद्ध अभिनेत्री आशा पारेख, केंद्रीय मंत्री अर्जुन मेघवाल सहित अन्य विशिष्ठ जनों ने लोकार्पण किया है।साढ़े सात साल बाद हुए इस लोकार्पण से पहले उनके पुत्र समय ताम्रकर ने इस अवधि के हिंदी सिनेमा की जानकारी भी इनसाइक्लोपीडिया में अपडेट की है।
इंदौर के प्रमुख अखबारों स्वदेश, नईदुनिया, दैनिक भास्करसहित देश के विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में वर्षों तक श्रीराम ताम्रकर ने हिंदी फिल्म निर्माण की बारीकियों और कलाकारों की जानकारी संबंधी नियमित लेख तो लिखे ही कोठारी मार्केट के समीप (अब काम्प्लेक्स बन चुका है) महाराजा टॉकिज में फिल्म लेखक समीक्षक संघ के सचिव के रूप में नियमित गतिविधियां भी जारी रखी थी।इस संघ के अध्यक्ष पत्रकार गोकुल शर्मा रहे हैं।फिल्मों के जानकार वीरेन मुंशी, कांतिलाल ठाकरे, विनय राऊत आदि की नियमित बैठक होती रहती थी।ताम्रकर ने देवी अहिल्या विश्वविद्यालय में भी सिनेमा को विषय के रूप मेंपढ़ाया।
जयप्रकाश चौकसे ने भी खूब प्रयास किए
श्रीराम ताम्रकर द्वारा लिखे गए इस इनसाइक्लोपीडिया के प्रकाशन के लिए फिल्म समीक्षक जयप्रकाश चौकसे (परदे के पीछे) ने भी खूब प्रयास किए। मप्र सरकार के साथ ही चौकसे की छत्तीसगढ़ में रमन सिंह सरकार से भी इसके प्रकाशन को लेकर चर्चा चली लेकिन तत्काल कोई बात नहीं बन पाई।इस बीच चौकसे का भी निधन हो गया।इस ग्रंथ के प्रकाशन को लेकर सुनील मिश्र (भोपाल), विट्ठल त्रिवेदी से लेकर चित्रकार-लेखक प्रभु जोशी भी अपने स्तर पर प्रयासरत रहे लेकिन ये सब भी असमय चल बसे।
स्व ताम्रकर का सपना पूरा किया इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र
स्व ताम्रकर के पुत्र समय ने बताया इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र के अध्यक्ष सच्चिदानंद जोशी की पहल से पिताजी का यह सपना अब जाकर पूरा हो सका।मुंबई में केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल, फिल्मअभिनेत्री आशा पारेख, फिल्म अभिनेता-निर्देशक चंद्रप्रकाश द्विवेदी के हाथों मुंबई यूनिवर्सिटी, संस्कार भारती और इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र द्वारा आयोजित कार्यक्रम 'सिने टॉकीज़' में इसका विमोचन हुआ।इस मौके पर बाहुबली, आरआरआर, बजरंगी भाईजान के लेखक केवी विजयेन्द्र प्रसाद सहित हिंदी और मराठी फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े लोग, साहित्यकार और विभिन्न प्रदेशों से आए विद्यार्थी मौजूद थे।इस पुस्तक को लिखने में विनोद तिवारी, सुरेश उनियाल, मनमोहन चड्ढा, डॉ. राजीव श्रीवास्तव, श्याम माथुर, शशिप्रभा तिवारी, डॉ. सोनाली नरगुंदे, ज्योत्सना भोंडवे का भी योगदान रहा।
इतना सब कुछ है इनसायक्लोपीडिया में
हिन्दी सिनेमा इनसायक्लोपीडिया में हिंदी सिनेमा के 1300 से ज्यादा कलाकारों, संगीतकारों, निर्देशकों का परिचय है। साथ ही भारत में संचालित हो रहे फिल्म संस्थानों के गठन एवं गतिविधियों का संक्षिप्त परिचय, राष्ट्रीय पुस्कार प्रात फिल्मों की सूची, ऑस्कर अवॉर्ड के लिए भारतीय फिल्म प्रविष्टियां, इंडियन पेनोरमा की फिल्में, 1827 से 2018 तक की टाइमलाइन, पद्म अलंकार, सिनेमा विधा से जुड़ी जानकारियों को दिया गयाहै। हिंदी में इस तरह की जानकारियों को जुटाने का यह विश्व में संभवत: पहला और अनोखा प्रयास है।
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*कीर्ति राणा : परिचय*
पिछले चार दशक से भी अधिक समय से पत्रकारिता में सक्रिय कीर्ति राणा देश की हिंदी पत्रकारिता का जाना-पहचाना नाम है। दैनिक भास्कर ग्रुप के विभिन्न संस्करणों के साथ ही दैनिक अवंतिका और दबंग दुनिया समूह के विभिन्न संस्करणों में संपादक रह चुके कीर्ति राणा इन दिनों दैनिक प्रजातंत्र (इंदौर) से जुड़े हुए हैं।वे इंदौर प्रेस क्लब के महासचिव सहित विभिन्न पदों पर रहे हैं। 1996 में इंदौर में एक कैदी को दी गई फांसी के लाइव कवरेज पर अनेक संस्थाओं द्वारा सम्मान के साथ ही उन्हें इंदौर प्रेस क्लब लाइफ टाइम अचिवमेंट अवार्ड से सम्मानित कर चुका है।इन दिनों वे पत्रकारिता के दीर्घ अनुभवों आधारित “मेरी पत्रकारिता” सीरिज लिख रहे हैं जो सोशल मीडिया पर खूब चर्चित है। मध्य प्रदेश सरकार के जनसंपर्क विभाग द्वारा पत्रकारों के हितार्थ गठित विभिन्न समितियों में वर्षों रहे कीर्ति राणा मप्र सरकार के राज्यस्तरीय राहुल बारपुते स्मृति सम्मान के साथ ही देश के विभिन्न संगठनों द्वारा सम्मानित किए जा चुके हैं।