73 वर्ष के युवा पद्मश्री डॉ. सेठ ने पेश की मिसाल
संदीप कुलश्रेष्ठ
आज के भौतिक युग में जब व्यक्ति अपने शहर में भी बिना साधन नहीं निकलता है, वहीं 73 साल के युवा डॉ. किरण सेठ साईकिल से भारत नापने का जज्बा लिए निकल पड़े। गत 11 मार्च 2022 को दिल्ली में महात्मा गाँधी जी के समाधी स्थल राजघाट से डॉ. सेठ ने अपनी यात्रा की शुरूआत की और दिल्ली से अलवर, जयपुर, अजमेर, भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़, अहमदाबाद, बड़ौदा, दाहोद, गोधरा, पेटलावद, बदनावर और बड़नगर होते हुए उज्जैन भी पहुँचे। उज्जैन में अपनी तीन दिन की यात्रा के दौरान उन्होंने विभिन्न विद्यालयों और महाविद्यालयों में छात्र-छात्राओं से बातचीत भी की। डॉ. सेठ अपनी करीब 1500 किलोमीटर की यात्रा पूर्ण करते हुए उज्जैन से वापस विभिन्न मार्गों से होते हुए अपनी यात्रा का समापन दिल्ली में ही करेंगे।
स्पिक मैके की शुरूआत -
डॉ. किरण सेठ लंबे समय तक आईटी दिल्ली से भी जुड़े रहे और उसके बाद देश के पर्यावरण और संस्कृति को साथ जोड़ते हुए दिल्ली में ही 1977 में स्पिक मैके की स्थापना की। आज यह संस्था अंर्तराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त कर चुकी है। इसके वार्षिक सम्मेलन देश के हर आईआईटी में आयोजित हो चुके है। आज स्पिक मैके देश के 500 शहरों में मौजूद है, 2000 से अधिक शैक्षणिक संस्थाएँ इससे जुड़ी हुई है। पूरे वर्षभर में 5000 से अधिक कार्यक्रम आयोजित होते है। इस तरह डॉ. किरण सेठ के प्रयासों से स्पिक मैके ने युवाओं को भारतीय संस्कृति से जोड़ने का अत्यन्त महत्वपूर्ण कार्य किया है। अब वे पर्यावरण से अपने रिश्ते को ओर मजबूत करने के लिए साईकिल से भारत भ्रमण के लिए निकले हैं।
राष्ट्रीय सम्मानों से विभूषित -
डॉ. किरण सेठ ने देश के युवाओं को देश के पर्यावरण और संस्कृति से जोड़ने का अत्यन्त महत्वपूर्ण कार्य कर देश के सामने मिसाल पेश की। उनके इस सांस्कृतिक , सामाजिक और पर्यावरण के प्रति समर्पण को देखते हुए भारत सरकार ने सन् 2008 में पद्मश्री से नवाजा। उसके बाद सन 2011 में डॉ. किरण सेठ को युवा विकास में योगदान देने के लिए राजीव गाँधी सद्भावना पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया। डॉ. सेठ ने अपने देश की सांस्कृतिक विरासत को जन-जन तक ले जाने का ऐतिहासिक कार्य कर दिखाया है।
स्पिक मैके के प्रमुख उद्देश्य और कार्य -
स्पिक मैके के प्रमुख उद्देश्यों में सबसे महत्वपूर्ण उद्देश्य है हमारे देश की गौरवशाली समग्र विरासत से युवाओं को परिचित कराया जाए और ये युवा हमारी संस्कृति और विरासत को आत्मसात करे ऐसे आयोजन किए जाए।
देश और विदेश के विभिन्न कलाओं के प्रख्यात कलाकार स्पिक मैके से जुड़े हुए है। विभिन्न कलाओं से युवाओं को जोड़ने के लिए देशभर में पूरे वर्ष गतिविधियां संचालित होती रहती है। स्पिक मैके हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत, विभिन्न वाद्य के बारे में आयोजन, संगीत कार्यक्रम ,शास्त्रीय नृत्य, लोक संगीत, लोक गायन, लोकनृत्य, पेंटिंग, हेरिटेज वॉक, आध्यात्मिक संगीत, रंगमंच (नाटक), क्लासिक्स फिल्म, योग कार्यक्रम, प्रख्यात हस्तियों द्वारा वार्ताएं, मास्टर शिल्पकारों द्वारा शिल्प के माध्यम से युवाओं को भारतीय संस्कृति से जोड़ते है।
साईकिल यात्रा का उद्देश्य -
पद्मश्री डॉ. किरण सेठ की इस साईकिल यात्रा का उद्देश्य देश में युवाओं के बीच में सरल और सादगीपूर्ण तरीके से स्वास्थ्य ठीक रखना, पर्यावरण के प्रति जागरूक करना, स्पिक मैके के उद्देश्यों में साथ देने के लिए नए लोगों को जोड़ना है । इनके इन उद्देश्यों को युवाओ का भारी समर्थन मिल भी रहा है। वे जहाँ भी जा रहे है इन तीन बातों को आग्रह करते है -
1. हमारी गौरवशाली समग्र विरासत का जश्न मनाना।
2. स्पिक मैके के बारे में जागरूकता बढ़ाना और नए स्वयंसेवको (volunteers) को शामिल करना।
3. साईक्लिंग को बढ़ावा देना।
देश के युवाओं ने लिया सबक -
स्पिक मैके के संस्थापक डॉ. किरण सेठ स्पिक मैके की स्थापना से लेकर पिछले 45 सालों के दौरान देश में जन-जन को जोड़ने के लिए सतत् प्रयासरत हैं। उन्होंने देशभर के युवाओं को अपने देश की सांस्कृतिक धरोहर से जोड़ते हुए उन्हें उस पर गौरव करना भी सिखाया। देशभर के लाखों युवाओं ने डॉ. सेठ से देश के पर्यावरण और संस्कृति को समझने के साथ ही सादगीभरा जीवन भी अपनाने का सबक हासिल किया है।
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