चटक चाल्या , बचक बांदरा
पाकिस्तान देस को परधानमंतरी किरकेटर थो। ऊके नेता गिरी घणी जोर से चढ़ी थी, वहाँ की जणता बी ऊके माथे बिठई दियो थे, पण किरकेट को खेल, ने नेतागिरी में घणो फेर रेवे।
आखर ऊके मोदीजी की नकल करते बी नी अई। गाल तो घणी काड़ी अपना देस, ने मोदी जी के । पण आखरी बखत भारत की बढ़ई करवा लागियो थो।
मंगतो बणी ने आखी दुनिया में पया मांगता फिरी रियो थो, कोई देस फूटी कोड़ी बी ऊका कटोरा में नी डाली रियो ने जणता महंगा बाजार से त्राहिमान हुई री है।
रियासत मदिना को घुंघरो बजई बजई ने अरब देस के पटई रियो थो, कोई बी इना गदड़ा के चारो नी डाली रियो थो।
सामे की पाल्टी वाला हूण ने एको करी ने इनकी पाल्टी का गदड़ा हूण के पलटियो दियो तो इमरान को पटियो ऊलाल हुई गयो।
इमरान को किरकेट भीड़ू अपणा पंजाब में मुख्यमंतरी का सपना देखवा वालो सिद्धू बी कांगरेस को रापट रोलियो करी ने घर बैठियो है।
किरकेट का दोई भीड़ू नेतागिरी से भारी हुइग्या - आऊट। धोबी का टेगड़ा, नी तो घर का, ने नी घाट का । बचक बांदरा।