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चटक चाल्या - उज्जैन को धूम धड़ाको


-गपोड़चंद विनोदी

अबरके तो भगवान महाकाल की किरपा ऐसी बरसी के एक हफ्ता तलक आंखा उज्जैन में घणो धूम धड़ाको रियो। 
नाटक, गायन, कवि सम्मेलन ने जना कई- कई काम हुईया के बस कियो नी जाए। बिक्रम सम्वत 79 के आवां की तैयारियों में तो घणी साज सजावट हुई ने सगला मनख हूण के यो गौरव देखी ने छाती फूली गई के अपणा उज्जैन सेज अपणा राजा विक्रम ने ईना सम्वत के चालू करायो है। इनी बात को एक घणो मोटो नाटक विक्रमादित्य भी देखी ने समज आयो मनख हूण के।
भूतड़ी अमावस, नयो साल को आनो, ने जूना साल को जानो, भगवान झूलेलाल की जयंती- चेटी चंड, प्रभात फेरी, गुड़ी पड़वा की गैर ने चैत् की नवरात्तरा मनावा की असी धूम धाम तो कदी नी देखी रे, दादा।
मजो अइयो। ऊपर से टेपो सम्मेलन भी हुईग्यो। भारी करी।

पटियो उलाल

अपणा भारत का नजीक देस हुण की हालत घणी पतली हुई री है। सरी लंका में जणता को तरासवाड़ो हुई ग्यो, देखियो नी जाय। पया खलास सरकार कने पेट्रोल 500 रू. लिटर,बत्ती गुल ने खावा अनाज बी नी मिली रियो। म्हणे लगी रियो की ईना देस को दिवालो निकलेगो तो पटियो उलाल समझो।
अनी काम में पाड़ोसी पाकिस्तान बी पाछो नी है। मंगता का कटोरा में उधार का पया खतम। कोई कर्जो नी दी रियो ने इमरान का पाछे सगली पाल्टी पड़ी गई, म्हने तो इको बी पटियो उलाल होते नजर अई रियो।

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