चटक-चाल्या , लड़ई रूस-यूक्रेन की।
गपोड़ चंद “विनोदी“
“कां तो राजाभोज ने कां गंगू तेली।“
या भोत जूनी केवात है। पण अवी देखी रियो हूं के कां तो रूस जैसो दादा पेलवान ने यूक्रेन बापड़ो नानो सो देस।
कोई सानी नी बैठे।
सगलो जगत सोची रियों थो के 1-2 हफ्ता में रूस कब्जो जमई लेगो।
पण ईना दोई देस की लड़ाई खतम नी हुई री है।
देखो तो सई दादा! अबी एक महीना से जादा दन हुई ग्या पण लड़ी मरी रिया है। जणता बापड़ी त्राहिमान करी री है। कितरा जवान मरी ग्या ने कितरा जहाज, टैंक नस्तेनाबूत हुई ग्या। रूस ने मोटी-मोटी ईमारत हुण के फोड़ लाखी है। ने अबी बी एक दूसरा के धमकई रिया है, ने शांति बापरवा की बात करी रिया है। कई समझ में आवे कोणी।
पण एक बात तो माननी पड़ेगी के यूक्रेन का जेलेक्सी ने घणों दम भरियो। जणता बी खुद सैनिक बनी गई। पुतिन की खुफिया हूण अबी तक यो तलाश नी करी पाया कि ऊ मजाकियों जेलेक्सी का है।
ऊणी चटकचालिया करवा में पाछो नी खई रियो है। पण एक बार तो हथियार टेकनाज पड़ेगा।
अच्छो है रूस कदी अखंड रूस बनई लेगा तो अपणा देस को अखंड भारत बी बनवा में देर नी लगेगी।