top header advertisement
Home - आपका ब्लॉग << चटक चाल्या , हार जीत का ढोंग धतूरा

चटक चाल्या , हार जीत का ढोंग धतूरा


  गपोडचंद विनोदी

अबरके होली का पेला 5 प्रदेस का चुनाव हूण का नतीजा कई आया, धूम धड़ाका और रंग गुलाल जीतवा वाला घणा उड़ई रिया है। नाची कूदी ने कोई कसर नहीं छोड़ी रिया है। नई - नई सरकार बनवा लगी है। मंत्री बनवा का गुंताड़ा बैठई रिया है। सगला जीतया हुआ नेता हूण।  भारी करी।

         पण बापड़ा हारवा वाला नेता तो गम में बेछक पड़या है, कोई साता पूछवा वालों भी नी आयो, उनकी हार की पेली होली पे ’गम’ को रंग गुलाल लगावा वास्ते कोई चमचा भी जाय कोणी। भारी करी।

         ईना चुणाव में एक बात साफ करी दी जणता ने, जो काम करेगा वोज जीतेगा। ने जो दल बदली ने अपणा के तुर्रम खाँ समझी रिया था उनकी दो कोड़ी की गत बनी गयी । बड़ा बड़ा नेता हूण की। मौर्य , राजभर, सिद्धु कैप्टन चन्नी जैसा तीस मारखां अब चवन्नी का करी दिया है। ये सगला माखा मारवा को काम करेगा। पंजाब में भलई ऊना मसखरा के मुख्यमंत्री बनई के भरोसो करी दियो। भारी करी।

        अबे हारवा का बाद हार को ठीकरों कीका माथे फोड़नो है ईनी बात को गुंताडो तलाश करी रिया। नवा नवा ढोंग धतूरा देखवा काबिल है। चुणाव का पेला जो गजभर की जीबान से अपणी पारटी छोड़ी ने गया तो जणता ने जमीन पे पटक्या तो वी राजभर ने मौर्य पाछा पलटी खई रिया है, भरत पुरी लौटा की तरे। करे भी कई बापड़ा खिसियाना बणी ने मेल जोल तो बढ़ाएगा दादा हूण, नी तो बुलडोजर चलवा को ने एन काउंटर को भूत भरई गियो है।

           कई भी को दादा जणता घणी चतरी है। भारी करी।

                                                                         ---000---
 

Leave a reply