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एक साल में लगे 156 करोड़ डोज : बधाई तो बनती है


   डॉ. चन्दर सोनाने

                 हमारे देश में 16 जनवरी 2021 से कोरोना के टीके लगने शुरू हुए । इस साल 15 जनवरी को पूरे हुए एक साल के दौरान देश भर में 156 करोड़ 76 लाख टीके के डोज देशवासियों को लगाए गए । देश के लोगों के लिए यह उपलब्धि बहुत बड़ी और शानदार है । इसलिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी और इस पुनीत कार्य में लगे सभी विभागों के सभी छोटे और बड़े अधिकारी निःसंदेश बधाई के पात्र हैं । देश के 131 करोड़ से ज्यादा लोगों को स्वस्थ रखने और इनकी जान बचाने के लिए किये जा रहे कार्यों के लिए इन सब का अभिनंदन और तहे दिल से आभार ।
                  टीके लगाने के कार्य को एक साल पूरे होने पर विहंगम दृष्टि डालना भी जरूरी है । एक अनुमान के अनुसार देश में 18 से अधिक उम्र के करीब 94 करोड़ लोग हैं । इसमें से 87 करोड़ 36 लाख से अधिक लोगों को पहली डोज लग गई है । यह 92.93 प्रतिशत अभिनंदनीय उपलब्धि है । यह अत्यंत ही सुखद स्थिति है । इसी प्रकार 65 करोड़ 57 लाख लोगों को दोनों डोज लग गई है । यह 69.75 प्रतिशत है । यह चिंताजनक है ! यहाँ और भी तेजी से काम करने की जरूरत है ! हाल ही में नव वर्ष पर 3 जनवरी से 15 से 18 साल तक के किशोरों को भी टीके लगाना शुरू कर दिया गया है । यह शुभ संकेत है । इस आयु वर्ग में अभिभावकों और किशोरों का उत्साह देखते ही बनता है । 15 जनवरी तक 3 करोड़ 38 लाख किशोरों ने अपना पहला टीका लगा लिया है । यह इनकी कुल आबादी करीब 7 करोड़ 40 लाख का 45.74 प्रतिशत है । प्रीकॉशन डोज भी 43.19 लाख लोगों ने लगा लिया है । यह इसकी कुल अनुमानित आबादी 2 करोड़ 75 लाख का 15.70 प्रतिशत है । यह उपलब्धि संतोषजनक कही जा सकती है । 
                  अब हम कुल लक्ष्य की बात करते हैं । देश की कुल आबादी करीब 131 करोड़ है । इन सब को कोरोना के संक्रमण से बचाने हेतु दो टीके लगाने के लिए 262 करोड़ डोज लगाने हैं ! अभी एक साल पूरे होने पर कुल 156 करोड़ 76 लाख डोज लगा दिए गए हैं । यह कुल लक्ष्य का अभी भी 59.83 प्रतिशत ही है । यानी अभी करीब 60 प्रतिशत डोज ही लग पाई हैं । अभी भी 40 प्रतिशत डोज लगाना बाकी है । अब टीके लगाने की रेल पटरी पर तेज दौड़ रही है । बस अभी इसमें और थोड़ी तेजी लाने की जरूरत है । देश भर में अभी एक करोड़ से ज्यादा टीकाकरण केंद्र हैं , जहाँ लगभग रोज टीके लग रहे हैं । अब तो स्कूलों में भी किशोरों को टीके लगाए जा रहे हैं । 
                  देश में अभी केवल हिमाचल प्रदेश ही ऐसा राज्य है ,  जिसने अपने प्रदेश के सभी बालिग यानी 18 साल से अधिक सभी लोगों को पहला और दूसरा टीका लगा दिया है । इसलिए इस प्रदेश के मुख्यमंत्री और प्रदेशवासियों को भी बधाई दी जा सकती है । किन्तु केंद्र सरकार को यह भी देखना चाहिए कि इस कार्य में सबसे पिछड़ रहे 6 राज्यों में उत्तर प्रदेश , महाराष्ट्र , तमिलनाडु , बिहार , झाड़खंड और सबसे नीचे चल रहा पंजाब राज्य टीकाकरण में क्यों और किन कारणों से पिछड़ रहा हैं ? उन कारणों की पड़ताल कर ऐसे राज्यों को और सुविधा और कार्य पद्धति में सुधार के निर्देश दिए जाने चाहिए । इसमें किसी भी प्रकार की राजनीति आड़े नहीं आनी चाहिए कि इन पिछड़ रहे राज्यों में किस पार्टी का शासन है ! यदि यह किया जावेगा तो निश्चित है कि इन पिछड़ रहे राज्य में भी और तेजी से टीकाकरण हो सकेगा ! 
                 अभी देशवासियों को 105 करोड़ 24 लाख डोज और लगाना है । यदि यह लक्ष्य बना लिया जाए कि रोज कम से कम एक करोड़ टीके लगाना ही है तो 105 दिन में ही इस लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है ! यानी हम साढ़े तीन महीने में ही अप्रैल 2022 तक इस असंभव सा लगने वाला लक्ष्य प्राप्त कर सकते हैं। यदि किन्हीं कारणों से रोज एक करोड़ टीके नहीं लग पाए तो यह समय और आगे बढ़ता जायेगा ! तो भी उम्मीद की जा सकती है कि अप्रैल माह नहीं तो जून माह तक देश के सभी लोगों को दोनों टीके लगाने की गौरवशाली उपलब्धि प्राप्त की जा सकती है ! बस जरूरत इस बात की है कि इसी प्रकार सुनियोजित तरीके से कार्य कर रोज हर एक टीकाकरण केंद्र पर कम से कम 100 टीके लगे ! और रोज एक करोड़ टीके लगाकर देशवासियों को कोरोना संक्रमण से मुक्त रखा जाना सुनिश्चित कर लें ! इसी बीच उम्मीद है , देश और विश्व के वैज्ञानिकों पर कि , वे 15 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए भी टीके ईजाद कर लेंगे । बाबा महाकाल से हम सब प्रार्थना करते हैं कि देशवासी इसी साल जून महीने के बाद से कोरोना से निश्चिंत हो कर जी सकें ???
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