युवक को है धातु खाने की लत, डॉक्टर्स ने पेट से निकाला चम्मच-कील
रायपुर। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, रायपुर के सर्जरी विभाग के चिकित्सकों ने कठिन सर्जरी के बाद बिलासपुर निवासी 22 वर्षीय युवक के पेट से चम्मच और कील निकाली हैं। यह युवक लोहा खाने की मनोवैज्ञानिक बीमारी से ग्रस्त है। फिलहाल युवक की हालत स्थिर है। अब इस युवक को चिकित्सकों द्वारा मनोवैज्ञानिक काउंसलिंग प्रदान की जा रही है, ताकि अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद वह इस प्रकार का कदम दोबारा न उठाए।
12वीं पास यह युवक लोहा खाने की आदत से बुरी तरह से ग्रस्त है। इससे पूर्व भी वह दो बार लोहे की सामग्री को निगल चुका है। एक बार छोटा स्क्रू खाया था, जो बाद में पाचन तंत्र के माध्यम से शरीर से बाहर निकाला गया। इसके बाद दोबारा उसने सूजा निगल लिया था, जो चिकित्सकों ने सर्जरी कर निकाला था। अब फिर से उसने 11 सेंटीमीटर लंबी कील और 14 सेंटीमीटर लंबा स्टील का चम्मच निगल लिया।
जब युवक के पेट में दर्द उठा, तो उसके परिजन उसे लेकर एम्स के सर्जरी विभाग पहुंचे। यहां 25 अक्टूबर को एक्स-रे करने पर पता चला उसके पेट में यह दोनों वस्तुएं फंसी हुई हैं। विभिन्न विभागों के चिकित्सकों से इस केस पर चर्चा के बाद सर्जरी करने का निर्णय लिया। युवक को 27 अक्टूबर को एडमिट किया गया और 29 अक्टूबर को उसकी सर्जरी की गई।
युवक के पेट से निकली कील और चम्मच को देखकर चिकित्सक और परिजन भी दंग रह गए। हालांकि, युवक के परिजन दोबारा जीवन प्रदान करने के लिए चिकित्सकों के शुक्रगुजार हैं। अब इस युवक के ठीक होने के बाद उसे डॉ. साईकृष्णा द्वारा मनो चिकित्सा विभाग की ओर से परामर्श दिलवाया जा रहा है, ताकि अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद वह फिर से लोहे का सामान न खाए।
सर्जरी की टीम का नेतृत्व डॉ. राधाकृष्ण रामचंदानी ने किया। इसमें डा. प्राची शिरमोर, डा. जीवन वर्मा, डा. यावर अली, डा. सरिता रामचंदानी और डा. अजीता शामिल थीं। निदेशक प्रो. डा. नितिन एम. नागरकर ने कठिन सर्जरी के लिए सर्जरी विभाग के चिकित्सकों को बधाई दी है।