जानिये क्या है पुष्य नक्षत्र का महत्व
इस साल दिवाली से सात दिन पहले पुष्य नक्षत्र का योग बना है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, यह पुष्य नक्षत्र 7 नवंबर शनिवार से शुरू होकर 24 घंटे 72 मिनट तक रहेगा। शनिवार को सुबह 8:05 बजे से पुष्य नक्षत्र का आरंभ होगा, जो कि रविवार को सुबह 8:05 बजे तक रहेगा। इस दौरान सभी तरह की खरीदारी को शुभ माना गया है। यानी दिवाली से पहले पूरे दो दिन, शनिवार और रविवार खरीदी के लिए मिलेंगे। यूं तो पुष्य नक्षत्र सभी के लिए शुभ है, लेकिन इस दौरान कुछ बातों का ध्यान रखा जाए, तो लक्ष्मीजी प्रसन्न होती है। जानिए इन्हीं सावधानियों के बारे में
पुष्य नक्षत्र के दौरान क्या करें और क्या न करें
पुष्य नक्षत्र के दौरान सोने चांदी के आभूषण के साथ ही प्रॉपर्टी खरीदना शुभ माना गया है। साथ ही वाहन खरीदने के लिए इस दिन कोई मुहूर्त देखने की जरूरत नहीं होती है। इस दिन कोई नया बिजनेस शुरू कर सकते हैं और नई नौकरी भी ज्वाइन कर सकते हैं।
ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि इस दिन शंख मोती को अपनी दुकान में रखने से बरकत बनी रहती है। इसी तरह भगवान विष्णु की उपासना करने और दुकान या घर में श्रीयंत्र की पूजा करना भी शुभ है। इस दिन काला कपड़ा नहीं पहनना चाहिए। जहां तक संभव हो कोई भी काले रंग की चीज नहीं खरीदना चाहिए। इस दिन सभी तरह की बुराइयों से दूर रहें।
इस दिन मानसिक शांति के लिए भी उपाय किए जाते हैं। हर राशि के लिए ज्योतिष में अलग अलग उपाय सुझाए गए हैं। जिन जातकों की कुंडली में शनि शुभ भाव के स्वामी के रूप में हों, उनको नीलम धारण करने से बहुत लाभ होता है। इससे मानसिक शांति मिलती है और पति पत्नी के बीच विवाद नहीं होता है।
इस दिन जन्में बच्चे प्रतिभावान और किस्मतवाले होते हैं। पुराणों तथा ज्योतिष ग्रंथों के अनुसार, इस नक्षत्र में जन्मा जातक महान कर्म करने वाला, बलवान, कृपालु, धार्मिक, धनी, विविध कलाओं का ज्ञाता, दयालु और सत्यवादी होता है।