कार्तिक मास में जरूर करें इन नियमों का पालन
हिंदू धर्म में कार्तिक मास (Kartik Maas) का खास महत्व है. इस महीने को बेहद पवित्र माना जाता है. शास्त्रों में इस महीने में व्रत और तप करना महत्वपूर्ण बताया गया है. शास्त्रों के अनुसार, इस महीने में जो मनुष्य संयम के साथ नियमों का पालन करता है, उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है. कार्तिक मास में सात नियमों का पालन करना आवश्यक बताया गया है. इन नियमों का पालन करने से मनुष्य को समस्त सुखों की प्राप्ति होती है. यह माह भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी को अत्यंत प्रिय है.
इन 7 नियमों का करें पालन
1. तुलसी के पौधे की पूजा करना और उनकी सेवा करना इस महीने में बहुत ही महत्वपूर्ण बताया गया है. कहते हैं कि कार्तिक मास में तुलसी पूजा का महत्व कई गुना बढ़ जाता है.
2. कार्तिक मास में जमीन पर सोना चाहिए. ऐसा माना जाता है कि जमीन पर सोने से मन में पवित्र विचार आते हैं.
3. कार्तिक महीने में शरीर पर तेल नहीं लगाया जाता है. इस महीने में सिर्फ एक दिन यानी नरक चतुर्दशी पर ही तेल लगाया जाता है.
4.कार्तिक के पवित्र महीने में दीपदान जरूर करना चाहिए. कहा जाता है कि इससे पुण्य की प्राप्ति होती है. इस महीने में नदी, पोखर, तालाब आदि में दीपदान किया जाता है.
5. इस महीने में खाने-पीने को लेकर भी कई नियम हैं. कार्तिक मास में दाल खाना निषेध होता है. इस महीने उड़द, मूंग, मसूर, चना, मटर, राई आदि नहीं खाना चाहिए.
6. कार्तिक मास में ब्रह्मचर्य का पालन करना होता है. इस माह में ब्रह्मचर्य का पालन न करना अशुभ माना गया है.
7. कार्तिक मास में संयम बरतने की सलाह दी जाती है. इस दौरान किसी तरह के झगड़े या विवाद में न पड़ें.
कार्तिक माह की शुरुआत शरद पूर्णिमा से हो जाती है. मान्यता है कि कार्तिक मास में इन नियमों का पालन करने से सुख-समृद्धि प्राप्त होती है.