क्या है प्रदोष व्रत की महिमा
प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat 2020) भगवान शिव की विशेष कृपा पाने का दिन है, जो प्रदोष व्रत बुधवार के दिन पड़ता है उसे बुध प्रदोष कहते हैं. शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत पड़ रहा है. बुध प्रदोष व्रत करके आप अपने बच्चों की बुद्धि और स्वास्थ्य की उन्नति व कल्याण की मनोकामना कर सकते हैं. प्रदोष व्रत का पूजन शाम के समय सूर्यास्त से पहले और बाद में किया जाता है. आइए जानते हैं बुध प्रदोष व्रत में पूजन विधि के बारे में.
शिव-गणेश की पूजा से लाभ
बुध प्रदोष के दिन नहा धोकर साफ हल्के रंग के कपड़े पहनें. भगवान गणेश जी के सामने घी का दीया जलाकर गं मंत्र का 108 बार जाप करें. भगवान शिव के मंत्र नमः शिवाय का जाप करें. शाम के समय प्रदोष काल मे भगवान शिव को पंचामृत (दूध दही घी शहद और शक्कर) से स्न्नान कराएं उसके बाद शुद्ध जल से स्न्नान कराकर रोली मौली चावल धूप दीप से पूजन करें. भगवान शिव को सफेद चावल की खीर का भोग लगाएं. आसन पर बैठकर शिवाष्टक का पाठ करें तथा सारे विघ्न और दोषों को खत्म करने की प्रार्थना भगवान शिव से करें
बुध प्रदोष व्रत से बच्चों की सेहत को लाभ
बच्चों की जन्मकुंडली के लग्न भाव मे पापी ग्रहों के होने और लग्नेश के नीच राशि मे जाने से स्वास्थ्य में बाधा आती है. स्वास्थ्य के कारक सूर्य पीड़ित होने से भी सेहत अच्छी नहीं रहती है. बुधवार के दिन देसी घी का चौमुखी दीपक शाम के समय शिवलिंगके समीप जलाएं और शिव चालीसा का तीन बार पाठ करें. ऐसा करने से बच्चों के स्वास्थ्य की परेशानी खत्म होगी. बच्चों के स्वास्थ्य की समस्या खत्म होने पर बीमार बच्चों को दवा और कपड़ों का दान जरूर करें.
बुध प्रदोष व्रत देगा उत्तम बुद्धि का महावरदान
कुशाग्र बुद्धि और स्वास्थ्य के लिए लग्न लग्नेश तथा बुध और गुरु सूर्य का शुभ और बलवान होना जरूरी होता है. अपने स्नान के जल में गंगाजल डालकर स्नान करें ऐसा लगातार करने से सभी ग्रह शुभ प्रभाव देना शुरू कर देते है. अपने घर की उत्तर पूर्व दिशा (ईशान कोण) में मिट्टी के बर्तन में जल भरकर रखें और समय समय पर इसका जल बदलते रहें. अपनी और अपने बच्चों की बुद्धि के लिए बुध प्रदोष व्रत के दिन सुबह और शाम के समय भगवान गणेश के सामने हरी इलायची अर्पित करें. 27 बार ॐ बुद्धिप्रदाये नमः मंत्र का सुबह शाम जाप करें और प्रसाद के रूप में इलायची खाएं.